प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 5 जुलाई 2025: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ने सनसनी मचा दी है। यह पोस्ट समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के पार्टी के वाहन UP32GJ0999 से जुड़ी है, जिसके ऊपर 7 लंबित ट्रैफिक चालान होने का दावा किया गया है। यह पोस्ट यूजर @iamAryan_17 ने 4 जुलाई 2025 को ट्विटर पर शेयर की, जिसमें दावा किया गया कि इस वाहन के केवल 2 चालान ही भरे गए हैं, जबकि बाकी बकाया हैं जिनमें एक चालान 5 साल से ज्यादा पुराने है। पोस्ट में अखिलेश यादव से अपील की गई है कि वे आम नागरिकों के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करने का उदाहरण पेश करें और बचे हुए चालान चुकाएं।
क्या है सोशल मीडिया पर वायरल दावा
कल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट ने तहलका मचा दिया, जिसमें दावा किया गया कि अखिलेश यादव की कार जिसका स्वामित्व समाजवादी पार्टी है उस कार पर 7 ट्रैफिक चालान बकाया हैं। इस पोस्ट को यूजर आर्यन सिंह (@iamAryan_17) ने शेयर किया, जिसमें उन्होंने लिखा,
“प्रिय @yadavakhilesh जी, आपकी गाड़ी UP32GJ0999 (मालिक समाजवादी पार्टी) पर वर्तमान में 7 चालान लंबित हैं – जिनमें से केवल 2 का निपटारा हुआ है। आप अक्सर खुद को वंचितों, पिछड़े वर्गों और मध्यम वर्ग की आवाज़ के रूप में पेश करते हैं। लेकिन क्या ट्रैफ़िक नियम, जुर्माना और कानून केवल आम नागरिकों पर लागू होते हैं? हम आपसे सम्मानपूर्वक आग्रह करते हैं कि आप उदाहरण पेश करें और लंबित चालान का निपटारा करें।“ “
उन्होंने अखिलेश यादव से अपील की कि वह उदाहरण पेश करें और बकाया चालान साफ करें। इस पोस्ट को @samajwadiparty और @uptrafficpolice को टैग किया गया है, जिससे मामला और गंभीर हो गया है। पोस्ट के साथ वाहन की तस्वीर भी शेयर की गई, जिसमें यह सफेद रंग की लग्जरी गाड़ी में अखिलेश यादव बैठे दिख रहे हैं।
Dear @yadavakhilesh ji,
— Aryan Singh (@iamAryan_17) July 4, 2025
Your vehicle UP32GJ0999 (Owner Samajwadi Party) currently has 7 pending challans — with only 2 settled.
You often present yourself as the voice of the underprivileged, backward classes, and the middle class.
But do traffic rules, fines, and laws apply… pic.twitter.com/2czD3O2V56
कुल कितना है चालान
स्क्रीनशॉट के अनुसार, वाहन UP32GJ0999 पर 7 चालानों की राशि कुल 14,000 रुपये है, जिसमें प्रत्येक चालान की राशि 2,000 रुपये है। इन चालानों का कारण स्पीड लिमिट तोड़ना बताया गया है। सबसे पुराना चालान 19 सितंबर 2020 का है। भारतीय मोटर वाहन अधिनियम, 2019 के अनुसार, ट्रैफिक चालान 60 दिनों के भीतर चुकाना जरूरी होता है, अन्यथा ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित हो सकता है या कोर्ट में केस दर्ज हो सकता है। हालांकि, इस मामले में इतने लंबे समय तक चालान लंबित रहने से सवाल उठ रहे हैं कि क्या नियमों का पालन केवल आम लोगों के लिए है?
पोस्ट में यह भी उल्लेख है कि वाहन समाजवादी पार्टी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जिसने इस विवाद को और गंभीर बना दिया है। समाजवादी पार्टी, जो 1992 में मुलायम सिंह यादव द्वारा स्थापित की गई थी, हमेशा से समाजवादी मूल्यों और गरीबों के हक की बात करती रही है। लेकिन इस घटना ने पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या बड़े नेता और उनकी पार्टियां ट्रैफिक नियमों से ऊपर हैं? कुछ यूजर्स ने मांग की कि हर नेता के वाहनों के चालान की जांच होनी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।


जनता की प्रतिक्रिया
इस पोस्ट पर आए कमेंट्स में हास्य से लेकर गंभीर सवाल तक शामिल हैं। एक यूजर ने मजाक में कहा, “अब अखिलेश जी का फाइन कौन भरेगा!” वहीं, दूसरे ने सुझाव दिया कि सभी नेताओं के वाहनों की जांच होनी चाहिए। पिछले कुछ सालों में अखिलेश यादव ने महाकुंभ जैसे आयोजनों में ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठाए थे, लेकिन अब इस वाहन चालान पर उनकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार है। अखिलेश यादव या उनकी पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस मुद्दे पर जनता की नजर बनी हुई है।

यह मामला न केवल अखिलेश यादव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाता है कि क्या भारत में ट्रैफिक नियमों का पालन सभी के लिए बराबर है? अगर यह चालान हैं, तो इन्हें कब चुकाया जाएगा? जनता की नजर में नेताओं का आचरण उनकी विश्वसनीयता को प्रभावित करता है। ऐसे में, इस घटना से ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूकता बढ़ सकती है और शायद भविष्य में नेताओं के लिए भी सख्ती बरती जाए!

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।