प्रमुख बिंदु-
वडोदरा, 4 जुलाई 2025: गुजरात सरकार ने अवैध रूप से राज्य में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों (Illegal Bangladeshi Migrants) के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए अमेरिकी शैली में कार्रवाई की है। 4 जुलाई 2025 को वडोदरा के वायुसेना स्टेशन से भारतीय वायुसेना के विशेष विमान के जरिए 250 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को उनकी राजधानी ढाका डिपोर्ट किया गया। यह कार्रवाई गुजरात पुलिस, एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से पूरी की गई। इस अभियान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत प्रवासियों को रस्सी से बांधकर बसों में वडोदरा एयरबेस लाया गया, जहां से उन्हें विशेष विमान द्वारा बांग्लादेश भेजा गया।
यह अभियान गुजरात में चल रहे बड़े पैमाने के ऑपरेशन का हिस्सा है, जिसके तहत पिछले दो महीनों में 1200 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा जा चुका है। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इस कार्रवाई को राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा, “गुजरात में अवैध घुसपैठियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

‘मिनी बांग्लादेश’ पर बुलडोजर की कार्रवाई
अहमदाबाद के चंडोला तालाब क्षेत्र, जिसे स्थानीय लोग ‘मिनी बांग्लादेश’ भी कहते थें वहां बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया। अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक और नगर निगम की संयुक्त कार्रवाई में इस क्षेत्र में अवैध बस्तियों को हटाया गया। इस मेगा डिमोलिशन ड्राइव के तहत 20 मई 2025 से शुरू हुए दूसरे चरण में 2.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र से 8,000 से अधिक अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया है। कई प्रवासियों के पास वैध दस्तावेज नहीं थे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू की गई। इस कार्रवाई ने अवैध प्रवासियों के ठिकानों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

फर्जी दस्तावेजों का खेल और मानव तस्करी का खुलासा
गुजरात पुलिस की जांच में पता चला कि कई बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों और नकली पहचान पत्रों के जरिए अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा जैसे शहरों में छिपकर रह रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मानव तस्करी के एक मामले में भरतकुमार रामभाई पटेल उर्फ बॉबी पटेल को गिरफ्तार किया, जो 2015 से अवैध रूप से लोगों को विदेश भेजने का रैकेट चला रहा था। इस रैकेट के जरिए करीब 7 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई थी।
केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद शुरू हुए इस सघन अभियान में गुजरात पुलिस ने निर्माण स्थलों और अन्य संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की, जिसके दौरान कई अवैध प्रवासियों को पकड़ा गया। कुछ प्रवासियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए ट्रांसजेंडर बनने जैसी चालें भी अपनाईं लेकिन पुलिस की सतर्कता के आगे वे पकड़े गए।

अभियान को आगे भी जारी रखा जाएगा – गृह राज्य मंत्री
केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई। गुजरात पुलिस ने न केवल डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को तेज किया, बल्कि फर्जी दस्तावेजों और मानव तस्करी के रैकेट को भी उजागर किया। गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए है और आगे भी इसे जारी रखा जाएगा।
यह कार्रवाई न केवल गुजरात में अवैध प्रवासियों को हटाने का प्रयास है, बल्कि देशभर में इस तरह के अभियानों को प्रोत्साहन दे रही है। अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी इसी तरह की कार्रवाइयां चल रही हैं। गुजरात पुलिस की इस कार्रवाई ने अवैध प्रवास के खिलाफ सख्त नीति का संदेश दिया है, जिससे भविष्य में और सख्ती की उम्मीद है।
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राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।