Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह को ‘विवादित ढांचा’ मानने से हाईकोर्ट ने किया इनकार

Shahi Idgah mosque and Shri Krishna Janmabhoomi Temple in Mathura,(PTI)

मथुरा, 4 जुलाई 2025: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर चल रहा विवाद (Krishna Janmabhoomi Case) एक बार फिर सुर्खियों में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 जुलाई 2025 को इस संवेदनशील मामले में अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमें हिंदू पक्ष की उस याचिका को खारिज कर दिया गया, जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद को ‘विवादित ढांचा’ घोषित करने की मांग की गई थी।

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यह मामला धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है, क्योंकि यह मथुरा की 13.37 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसे हिंदू पक्ष भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मानता है। इस विवाद ने देशभर में चर्चा का माहौल बना दिया है, और आज कोर्ट में शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने की याचिका पर और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास द्वारा आयोजित हिंदू चेतना यात्रा पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई हुईं

हिंदू पक्ष की याचिका खारिज

हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि शाही ईदगाह मस्जिद उस स्थान पर बनी है, जहां पहले श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर था। उनके अनुसार, मुगल शासक औरंगजेब ने 1669-70 में इस मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद बनवाई थी। याचिकाकर्ताओं ने ऐतिहासिक दस्तावेजों और विदेशी यात्रियों के वृत्तांतों का हवाला देते हुए कहा कि यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण का गर्भगृह है। उन्होंने अयोध्या राम जन्मभूमि मामले की तर्ज पर मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने और 13.37 एकड़ जमीन को मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मांग की थी।

Shahi Eidgah at Mathura, Uttar Pradesh.

मुस्लिम पक्ष ने इस दावे का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है, और 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट और शाही ईदगाह कमेटी के बीच हुए समझौते के तहत यह विवाद सुलझ चुका था। उन्होंने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 का हवाला देते हुए कहा कि 15 अगस्त 1947 की स्थिति में किसी भी धार्मिक स्थल का चरित्र नहीं बदला जा सकता। जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 23 मई 2025 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज, 4 जुलाई को, कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है।

Allahabad High Court

हिंदू चेतना यात्रा का विरोध

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास द्वारा देशभर में हिंदू चेतना यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य श्रीकृष्ण जन्मभूमि को ‘मुक्त’ कराने के लिए जन जागरूकता फैलाना है। इस यात्रा को कई शहरों में समर्थन मिला है, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया है। मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यात्रा पर रोक लगाने की मांग की, जिस पर आज ही सुनवाई होनी थी।

इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मथुरा और आसपास के जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी है। कोर्ट का इस यात्रा पर फैसला भी आज के माहौल को प्रभावित कर सकता है।

Mathura Dispute—Shri Krishna Janmabhoomi Case

लंबा चल सकता विवाद

हाईकोर्ट के इस फैसले ने मथुरा विवाद को एक नया मोड़ दे दिया है। हालांकि शाही ईदगाह को विवादित ढांचा घोषित करने की मांग खारिज हो गई है, लेकिन हिंदू पक्ष की 18 अन्य याचिकाओं पर सुनवाई अभी जारी है। ये याचिकाएं जमीन के मालिकाना हक और मंदिर के पुनर्निर्माण से जुड़ी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला लंबा चल सकता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस विवाद में कुछ आदेशों पर रोक लगाई है, जैसे कि मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर।

यह फैसला धार्मिक और सामाजिक माहौल पर गहरा असर डाल सकता है। मथुरा में पहले से ही तनाव का माहौल है, और प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तरह सतर्क है। दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की जा रही है, ताकि साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे।

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