Uttarakhand: भारी बारिश के कारण रोकी गई चारधाम यात्रा! केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन, 40 श्रद्धालु सुरक्षित निकाले गए

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देहरादून, 3 जुलाई 2025: उत्तराखंड (Uttarakhand) में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने चारधाम यात्रा को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग के रेड और ऑरेंज अलर्ट के चलते प्रशासन ने यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया है। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।

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मौसम विभाग ने चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में अगले 24-48 घंटों में भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। गंगा, यमुना और अलकनंदा जैसी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे यात्रा मार्गों पर खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम सामान्य होने तक सुरक्षित स्थानों पर रहें और यात्रा स्थगित करें।

Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami

केदारनाथ मार्ग पर भूस्खलन, सुरक्षित निकाले गए 40 श्रद्धालु

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बुधवार रात को सोनप्रयाग के पास भूस्खलन होने से रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। इस घटना में 40 श्रद्धालु फंस गए थे, जिन्हें स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सुरक्षित निकाल लिया। मुनकटिया और विजयनगर जैसे क्षेत्रों में भारी चट्टानें और मलबा गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि भूस्खलन के दौरान भारी पत्थर गिरने से अफरातफरी मच गई थी।

उत्तराखंड पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्सों में भी भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण ये मार्ग भी बंद हैं। प्रशासन ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे स्थानीय अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का पालन करें और जोखिम भरे क्षेत्रों से बचें।

Uttarakhand Kedarnath

श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। – मुख्यमंत्री

उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने मौसम की गंभीर स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन को मजबूत किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। यात्रा तभी शुरू होगी, जब मार्ग पूरी तरह सुरक्षित होंगे।”

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि सभी धामों में राहत और बचाव के लिए टीमें तैनात की गई हैं। यात्रा मार्गों पर 60 से अधिक भूस्खलन जोन और 120 दुर्घटना संभावित क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं, जो इस बार यात्रा को और जोखिम भरा बनाते हैं। इसके बावजूद, प्रशासन ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने और भोजन-पानी की व्यवस्था करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

अन्य राज्यों में बारिश का प्रभाव

उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में भी भारी बारिश ने तबाही मचाई है। हिमाचल के मंडी जिले में बादल फटने और बाढ़ से 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 29 लोग अभी भी लापता हैं। मौसम विभाग ने मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जैसे जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है।

दूसरी ओर, राजस्थान के अजमेर में भारी बारिश के कारण अजमेर शरीफ दरगाह परिसर में 2 फीट पानी भर गया और बरामदे की छत का एक हिस्सा ढह गया। हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। दरगाह कमेटी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रभावित क्षेत्र में लोगों की आवाजाही बंद कर दी। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।

Ajmer Dargah

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर भारी बारिश का व्यापक असर पड़ा है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए यात्रा की योजना टाल दें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

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