Digital India ने बदली वैश्विक सोच, 140 करोड़ नागरिकों को तकनीकी रूप से सशक्त करने वाला आंदोलन बना: पीएम मोदी
प्रमुख बिंदु-
New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को Digital India पहल के 10 वर्ष पूरे होने पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव (Transformative effect) की सराहना की। उन्होंने इसे एक ऐसा आंदोलन बताया, जिसने 140 करोड़ भारतीयों को सशक्त किया और भारत को वैश्विक डिजिटल नेतृत्व (Global Digital Leadership) की ओर अग्रसर किया। LinkedIn पर साझा एक लेख में पीएम मोदी ने लिखा कि दशकों तक भारतीयों की तकनीकी क्षमता पर संदेह किया गया, लेकिन हमने इस दृष्टिकोण को बदला और नागरिकों की क्षमता पर भरोसा किया।
2015 में शुरू हुई Digital India पहल का लक्ष्य था तकनीक और शासन तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाना। पीएम ने कहा कि शासन से लेकर शिक्षा, लेन-देन और निर्माण तक, डिजिटल इंडिया हर जगह है। भारत में इंटरनेट कनेक्शन 2014 के 25 करोड़ से बढ़कर 2025 तक 97 करोड़ से अधिक हो गए, यानी 285% की वृद्धि। भारतनेट के तहत 6.92 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया, जो 2.18 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ता है। यह पृथ्वी-चंद्रमा की दूरी का 11 गुना है।

कनेक्टिविटी और डिजिटल ढांचा
भारत का 5G रोलआउट विश्व में सबसे तेज है, जिसमें सियाचिन और गलवान जैसे सुदूर सैन्य क्षेत्र भी शामिल हैं। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अनुसार, 42 लाख किमी से अधिक ऑप्टिकल फाइबर ने गांवों को डिजिटल दुनिया से जोड़ा। डेटा लागत 10 रुपये प्रति जीबी से कम हो गई, जिससे डिजिटल पहुंच सस्ती हुई।
वित्तीय समावेशन और वैश्विक मॉडल
UPI ने 100 अरब से अधिक वार्षिक लेन-देन के साथ भारत को वैश्विक फिनटेक नेता बनाया। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए 44 लाख करोड़ रुपये सीधे नागरिकों तक पहुंचे, जिससे 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई। SVAMITVA योजना ने 2.4 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए और 6.47 लाख गांवों का मानचित्रण किया, जिससे भूमि विवादों का अंत हुआ।

MSME और आर्थिक समावेशन
पीएम ने ONDC और GeM जैसे मंचों की सराहना की, जो MSME, कारीगरों और महिला उद्यमियों को सशक्त कर रहे हैं। ONDC ने हाल ही में 200 मिलियन लेन-देन पार किए, जिसमें से आखिरी 100 मिलियन केवल छह महीनों में हुए। GeM ने 50 दिनों में 1 लाख करोड़ रुपये का GMV पार किया, जिसमें 22 लाख विक्रेता, जिनमें 1.8 लाख महिला-नेतृत्व वाले MSME शामिल हैं, जिन्होंने 46,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पूरे किए।

वैश्विक डिजिटल नेतृत्व
भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI), जिसमें आधार, CoWIN, डिजीलॉकर और FASTag शामिल हैं, वैश्विक मॉडल बन चुका है। CoWIN ने विश्व की सबसे बड़ी टीकाकरण मुहिम को सक्षम किया, जिसमें 220 करोड़ सत्यापित प्रमाणपत्र जारी हुए। डिजीलॉकर के 54 करोड़ उपयोगकर्ता 775 करोड़ से अधिक दस्तावेजों को सुरक्षित रखते हैं। भारत ने अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक DPI रिपॉजिटरी और 25 मिलियन डॉलर का सामाजिक प्रभाव कोष लॉन्च किया, जिससे अफ्रीका और दक्षिण एशिया के देशों को लाभ हुआ।

स्टार्टअप और AI
भारत अब विश्व के शीर्ष तीन स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्रों में शामिल है, जिसमें 1.8 लाख से अधिक स्टार्टअप हैं। IndiaAI मिशन के तहत 1.2 अरब डॉलर के निवेश से भारत AI नवाचार में अग्रणी बन रहा है। मई 2025 तक, भारत में 34,000 GPU उपलब्ध हैं, जो विश्व में सबसे सस्ता कम्प्यूट ढांचा है।

पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जन-आंदोलन बन चुका है। उन्होंने नवप्रवर्तकों से आह्वान किया कि आइए, ऐसी तकनीक बनाएं जो एकजुट करे, समावेशी हो और उत्थान करे।

डिजिटल इंडिया पहल ने अपने दस वर्षों में भारत को डिजिटल सशक्तिकरण का प्रतीक बनाया है। 25 करोड़ से 97 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन, 42 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर और विश्व के सबसे तेज 5G रोलआउट ने सियाचिन से लेकर गांवों तक कनेक्टिविटी बढ़ाई है। UPI, DBT, ONDC और GeM जैसे मंचों ने वित्तीय समावेशन और MSME सशक्तिकरण को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, जबकि CoWIN और डिजीलॉकर ने वैश्विक डिजिटल बुनियादी ढांचे का मॉडल पेश किया। IndiaAI मिशन और 1.8 लाख स्टार्टअप के साथ भारत वैश्विक नवाचार में अग्रणी है।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।