बीजेपी ने तेजस्वी यादव के जरिए इंडी गठबंधन पर साधा निशाना!
प्रमुख बिंदु-
पटना, 30 जून 2025: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विपक्षी INDI गठबंधन पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने 30 जून 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने वक्फ बोर्ड से संबंधित कानून को “कूड़ेदान में फेंकने” की बात कही थी। त्रिवेदी ने इसे संविधान और न्यायपालिका का अपमान बताते हुए विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की मानसिकता आपातकाल के दौर की तरह है, जब संवैधानिक व्यवस्था को “सियासत के तराजू” पर तौला गया था।
“वक्फ बोर्ड के कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे।” – तेजस्वी यादव
30 जून 2025 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित एक रैली में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने वक्फ बोर्ड से संबंधित कानून को लेकर विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, “हम संसद से पारित वक्फ बोर्ड के कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे।” यह कानून, जो भारत की संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ है और वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग को नियंत्रित करता है।
तेजस्वी के इस बयान ने BJP को हमला करने का मौका दिया। सुधांशु त्रिवेदी ने इसे “संविधान का अपमान” और “न्यायपालिका की अवहेलना” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि विपक्ष संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।

भाजपा बोली – “50 साल पुरानी मानसिकता…”
त्रिवेदी ने अपने बयान में आपातकाल (1975) का जिक्र करते हुए कहा कि 50 साल पहले भी विपक्षी दलों ने संविधान को “सियासत के तराजू” पर तौला था। उन्होंने पटना के गांधी मैदान का उल्लेख किया, जहां आपातकाल के दौरान लाखों लोग संविधान की रक्षा के लिए एकत्र हुए थे। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी का बयान उसी मानसिकता को दर्शाता है, जो संविधान को “कूड़ेदान में फेंकने” की बात करती है।
उन्होंने कहा, “50 साल पहले भी सियासत के आधार पर संविधान का सम्मान तय किया गया था। आज वही मानसिकता पटना के उसी गांधी मैदान में फिर से देखने को मिल रही है।”
#WATCH | Delhi: BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "Recently, 50 years of the Emergency, the most dreadful chapter in the democratic history of India, were completed. But it is very sad that yesterday in the same Gandhi Maidan in Patna, where during the Emergency lakhs of people had… pic.twitter.com/tnJk3nUZyg
— ANI (@ANI) June 30, 2025
कुरान में ‘वक्फ’ नाम का कोई शब्द नहीं है। – सुधांशु त्रिवेदी
BJP ने वक्फ बोर्ड के प्रावधानों को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला बोला। त्रिवेदी ने सवाल उठाया कि क्या वक्फ बोर्ड के वे प्रावधान, जिनका विपक्ष समर्थन कर रहा है, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्की, या यहां तक कि पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में लागू हैं? उन्होंने कहा, “क्या INDI गठबंधन बिहार में सऊदी अरब, इंडोनेशिया, तुर्की, या ISIS से भी बड़ा शरिया कानून लागू करना चाहता है?”
त्रिवेदी ने दावा किया कि वक्फ बोर्ड का कॉन्सेप्ट इस्लामी अकीदे में नहीं है। उन्होंने कहा, “कुरान में ‘वक्फ’ नाम का कोई शब्द नहीं है। यह मुल्ला-मौलवियों का अपना बनाया हुआ कॉन्सेप्ट है। कुरान में कहा गया है, ‘जितना हो सके खर्च करो, होल्ड मत करो।’ लेकिन ये लोग कहते हैं, जो है उसे जोड़ लो और मुल्ला-मौलवियों के कदमों में अर्पित कर दो।”
#WATCH | Delhi: BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "There is no word called Waqf in the Quran. This is the creation of Mullah, Maulavi. In the Quran, it is said that you should spend as much as you can. Do not hold. They want to make fun of Baba Saheb's constitution and convert it… pic.twitter.com/nGN5vlLHbM
— ANI (@ANI) June 30, 2025
बीजेपी ने वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर उठाए सवाल
BJP ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के कथित दुरुपयोग पर भी सवाल उठाए। त्रिवेदी ने पूछा, “इतनी विशाल वक्फ संपत्तियों का उपयोग कहां हो रहा है? कितने अस्पताल बने? कितने अनाथालय, कॉलेज, या यूनिवर्सिटी बनी? तलाकशुदा या बेसहारा मुस्लिम महिलाओं के लिए कितने संस्थान बने? दिव्यांग मुस्लिमों के लिए क्या किया गया?”
उन्होंने बिहार के गोविंदपुर गांम का उदाहरण दिया, जहां 95% हिंदू आबादी होने के बावजूद वक्फ बोर्ड ने जमीन पर दावा किया है। इसके अलावा, केरल के मुनमब में 400 ईसाई परिवारों की जमीन और यमुनानगर में एक गुरुद्वारे पर वक्फ बोर्ड के दावे का जिक्र करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि यह “सियासत का खेल” है, जिसमें अल्पसंख्यकों के नाम पर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है।

समाजवाद का चोला, लेकिन नमाजवाद की मानसिकता?
BJP ने RJD और समाजवादी पार्टी (SP) जैसे दलों पर समाजवाद के नाम पर “नमाजवाद” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। त्रिवेदी ने कहा, “समाजवाद का सिद्धांत कहता है कि धन का समान वितरण होना चाहिए, गरीबों को अधिक हिस्सा मिलना चाहिए। लेकिन ये लोग क्या कहते हैं? 29 लाख से 39 लाख एकड़ जमीन पर चंद शर्मायेदारों और मुल्ला-मौलवियों का कब्जा होना चाहिए।”
उन्होंने RJD और SP को “नमाजवादी” करार देते हुए कहा कि ये दल गरीब और मजलूम मुस्लिमों के हक के साथ नहीं, बल्कि “मुठ्ठी भर शर्मायेदारों” के साथ खड़े हैं, जो मजहब के नाम पर उनका शोषण करना चाहते हैं। त्रिवेदी ने इसे समाजवाद के विचार के “बिल्कुल विपरीत” बताया।

RJD और SP नमाजवाद के रास्ते पर हैं। – BJP
त्रिवेदी ने समाजवादी नेताओं राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए कहा कि इनका समाजवाद गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए था। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या यही राम मनोहर लोहिया का समाजवाद था? क्या यही जेपी और कर्पूरी ठाकुर का समाजवाद था?”
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ये दल ट्रिपल तलाक, हलाला, मेहरम, हज सब्सिडी और आतंकियों के समर्थन में खड़े हैं, जो समाजवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है। त्रिवेदी ने कहा, “हम (BJP और JDU) समाजवाद और राष्ट्रवाद के रास्ते पर चलते हैं, जबकि RJD और SP नमाजवाद के रास्ते पर हैं।”
संविधान को कमजोर कर शरिया लागू करने की साजिश
BJP ने INDI गठबंधन पर संविधान को कमजोर कर शरिया लागू करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिवेदी ने 1985 के शाह बानो केस का जिक्र किया, जब सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा मुस्लिम महिला को गुजारा भत्ता देने का फैसला सुनाया था, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने संसद के जरिए इस फैसले को पलट दिया था। उन्होंने कहा, “400 सीटों वाली कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रौंदकर शरिया को संविधान से ऊपर कर दिया।”
त्रिवेदी ने चुनौती दी, “दुनिया में एक भी सेक्युलर देश बताइए, जहां शरिया संविधान से ऊपर हो।” उन्होंने कहा कि अगर INDI गठबंधन सत्ता में आता है, तो वह संविधान को “शरिया स्क्रिप्ट” में बदल देगा।

SC, ST और OBC आरक्षण को करने की साजिश
BJP ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष अल्पसंख्यक संस्थानों को बढ़ावा देकर SC, ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रहा है। त्रिवेदी ने दावा किया कि अल्पसंख्यक संस्थानों में आरक्षण लागू नहीं होता और विपक्ष ने 2011-2014 के बीच हजारों संस्थानों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया।
उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा, 2011 में 1656 संस्थानों को अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया। 2012 में 1671 संस्थानों को।2014 में (आधे साल तक) 1516 संस्थानों को। इसके विपरीत, BJP सरकार ने 2020 में 12, 2021 में 14 और 2022 में 86 संस्थानों को ही अल्पसंख्यक दर्जा दिया, जो “जांच-पड़ताल” के बाद किया गया। त्रिवेदी ने कहा कि विपक्ष की यह नीति SC, ST और OBC के आरक्षण को “पिछले दरवाजे से नष्ट” करने की साजिश है।
त्रिवेदी ने तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस सरकारों पर OBC आरक्षण में मुस्लिम समुदाय को शामिल करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह कदम पिछड़े वर्गों के हक को छीनने का प्रयास है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर त्रिवेदी ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बंगाल में 179 OBC जातियों में से 118 मुस्लिम हैं। जब OBC आयोग ने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम जातियां कैसे शामिल हुईं, तो जवाब दिया गया कि ये लोग “कॉनवर्ट होने से पहले हिंदू थे और OBC थे।” त्रिवेदी ने तंज कसते हुए कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि कॉनवर्ट होने के बाद मुस्लिम समाज में हिंदू समाज से ज्यादा जातियां हो गईं।”
“पक्के नमाजवादी हैं, RJD हो या कांग्रेस…” – सुधांशु त्रिवेदी
त्रिवेदी ने बार-बार जोर दिया कि BJP और NDA बाबा साहब अंबेडकर के संविधान की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित हैं। उन्होंने कहा, “हम संविधान के किसी भी प्रावधान को कूड़ेदान में नहीं फेंकने देंगे। देश की जमीन देश की जनता की रहेगी, किसी मुल्ला-मौलवी की नहीं।” त्रिवेदी ने समाजवादी कवि अदम गोंडवी की कविता का जिक्र करते हुए विपक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “अदम गोंडवी ने लिखा था: ‘काजू भुना है प्लेट में, व्हिस्की गिलास में, उतरा है रामराज्य विधायक निवास में।’ मैं कहता हूं, ‘पक्के नमाजवादी हैं, राजद हो या कांग्रेस, कितनी तड़प है कठमुल्ला वोटों की प्यास में।'”
#WATCH | Delhi: BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "These socialists don't even care about minorities. By bowing down before the Mullahs and Maulavis, they want to convert 'Samajwad' into 'Namazwad'…'Pakke Namazwadi hai, RJD ho ya Congress, kitni tadap hain kathmulla voto ki pyaas… pic.twitter.com/pI4f0ouyf4
— ANI (@ANI) June 30, 2025
BJP ने अपने बयान में विपक्ष को “नमाजवादी” करार देते हुए संविधान, समाजवाद और अल्पसंख्यक अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी यादव के बयान को आपातकाल की मानसिकता से जोड़ा और कहा कि INDI गठबंधन संविधान को “शरिया स्क्रिप्ट” में बदलना चाहता है। उन्होंने बिहार की जनता से राष्ट्रवाद और समाजवाद के रास्ते पर चलने की अपील की, जो BJP और JDU का प्रतिनिधित्व करता है।
यह विवाद न केवल बिहार की राजनीति में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। वक्फ बोर्ड, आरक्षण और संविधान जैसे संवेदनशील मुद्दों पर BJP और विपक्ष के बीच तीखी बहस भविष्य में और तेज होने की संभावना है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।