पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगदड़
प्रमुख बिंदु-
पुरी, 29 जून 2025 (Puri Rath Yatra Stampede): 27 जून 2025 को शुरू हुई विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान पुरी, ओडिशा में एक दुखद हादसा हुआ। रविवार सुबह 4 से 5 बजे के बीच श्री गुंडिचा मंदिर के पास सरधाबली क्षेत्र में भगदड़ मचने से तीन भक्तों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान प्रेमकांत मोहंती (80), बसंती साहू (36) और प्रभावती दास (42) के रूप में हुई है।
घायलों में से छह की हालत गंभीर बताई जा रही है, और उन्हें पुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ को गंभीर स्थिति के कारण कटक के SCB मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों के दर्शन के लिए एकत्र हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो ट्रक, जो रथ यात्रा के लिए लकड़ी के लट्ठे ले जा रहे थे, भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिससे स्थिति अनियंत्रित हो गई।

भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल
यह हादसा पुरी में भीड़ प्रबंधन की खामियों को उजागर करता है। प्रत्यक्षदर्शी चिन्मय पात्रा ने बताया कि संकरी जगह, पुलिस की अपर्याप्त मौजूदगी और रथों के पास बिखरे हुए ताड़ के लट्ठों से बनी सीढ़ियों ने खतरे को और बढ़ा दिया। स्थानीय निवासी देबासीस दास ने कहा, “शुक्रवार को भी रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ के कारण भगवान जगन्नाथ का रथ खींचना संभव नहीं हो सका था। रविवार का हादसा उसी समस्या का दुखद परिणाम है।” यह पहली बार है जब गुंडिचा मंदिर के पास इतनी भयानक भगदड़ हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि धार्मिक आयोजनों में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर योजना और सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत है।

शनिवार को 750 भक्तों अस्पताल में भर्ती
हादसे से पहले ही रथ यात्रा के पहले दिन शनिवार को भीड़ और थकान के कारण लगभग 750 भक्तों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। इनमें से 230 को संक्रामक रोग अस्पताल (IDH) और 520 को जिला मुख्यालय अस्पताल (DHH) में इलाज के लिए ले जाया गया। अधिकांश भक्तों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, लेकिन एक गंभीर रूप से बीमार भक्त को कटक स्थानांतरित किया गया। रविवार के हादसे के बाद 12 घायल भक्तों को गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में रखा गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि भारी भीड़ और गर्म मौसम ने स्थिति को और जटिल बना दिया।

सरकार की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को सूचित किया। उन्होंने कहा, “इस दुखद घटना की गहन जांच की जाएगी और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (DGP) वाई.बी. खुरानिया ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता नवीन पटनायक ने भी शोक व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने सरकार पर भीड़ प्रबंधन में असफलता का आरोप लगाया। सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की बात कही है।

पुरी की रथ यात्रा, जो लाखों भक्तों के लिए आस्था और उत्सव का प्रतीक है, इस बार एक त्रासदी में बदल गई। यह हादसा धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की महत्ता को रेखांकित करता है। सरकार और प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भक्त सुरक्षित रूप से अपने आराध्य के दर्शन कर सकें।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।