मिडिल-ईस्ट में अनिश्चितता का माहौल
प्रमुख बिंदु-
ग्लोबल डेस्क, यूनिफाइड भारत (Israel-Iran War Ceasefire): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि इजराइल और ईरान के बीच “पूर्ण और समग्र” युद्धविराम पर सहमति बन गई है, जिससे मध्य-पूर्व में 12 दिन से चल रही जंग खत्म हो जाएगी। लेकिन यह दावा कुछ ही घंटों में हवा-हवाई साबित हुआ, जब ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तसनीम’ ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए ट्रंप के युद्धविराम दावे को “झूठा” करार दिया और कहा कि “ईरान हार मानने वाला देश नहीं है।” ईरानी विदेश उपमंत्री सैयद अब्बास अर्घची ने भी स्पष्ट किया कि इजराइल के साथ कोई युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “अगर इजराइल अपनी अवैध आक्रामकता बंद करता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा।”

इस बीच, इजराइल ने दावा किया कि ईरान ने युद्धविराम की घोषणा के बाद भी बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिनमें से एक बीर्शेबा शहर में एक इमारत पर गिरी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर है और कतर, यूएई, बहरीन जैसे देशों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं। भारत ने भी कतर में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए सतर्कता की सलाह जारी की है। आइए, इस घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।

ईरान का जवाबी हमला: अल उदेद एयरबेस पर मिसाइलें
सोमवार रात, ईरान ने कतर की राजधानी दोहा के पास स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य अड्डे, अल उदेद एयरबेस, पर मिसाइल हमले किए। ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने ‘ऑपरेशन बेशरत फतह’ के तहत इस हमले को अंजाम दिया। विभिन्न स्रोतों के अनुसार, ईरान ने 6 से 19 मिसाइलें दागीं, जिनमें से अधिकांश को कतर की वायु रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया। कतर के विदेश मंत्रालय ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे अपनी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। हालांकि, कतर ने यह भी पुष्टि की कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ।
ईरान ने दावा किया कि यह हमला अमेरिका द्वारा उसके परमाणु ठिकानों (फोर्डो, नतांज, और इस्फहान) पर किए गए हवाई हमलों का जवाब था। ईरानी सरकारी टीवी ने इसे “विजय की घोषणा” करार दिया और कहा कि हमले शहरी क्षेत्रों से दूर किए गए ताकि नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। दूसरी ओर, ट्रंप ने इन हमलों को “कमजोर” बताते हुए तंज कसा और कहा कि ईरान ने हमले से पहले अमेरिका और कतर को सूचित कर दिया था, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ।

Israel-Iran War Ceasefire की राह में बाधाएं
13 जून को शुरू हुआ यह संघर्ष तब भड़का जब इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। जवाब में, ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ शुरू किया, जिसमें इजराइल के लड़ाकू जेट ईंधन उत्पादन सुविधाओं और ऊर्जा केंद्रों को निशाना बनाया गया। इसके बाद, अमेरिका ने “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमले किए, जिससे तनाव और बढ़ गया।
ट्रंप ने 23 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर दावा किया कि इजराइल और ईरान के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई है, जो 24 घंटे में चरणबद्ध तरीके से लागू होगा। लेकिन ईरान के विदेश उपमंत्री अर्घची ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। इजराइल ने भी इस युद्धविराम की पुष्टि नहीं की और इसके बजाय दावा किया कि ईरान ने बीर्शेबा में मिसाइल हमला किया, जिसमें चार लोग मारे गए।

कतर में भारतीय समुदाय: भारत की सतर्कता
कतर में 8 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो वहां की सबसे बड़ी प्रवासी आबादी है। ईरान के हमले के बाद, कतर में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें भारतीय समुदाय से सतर्क रहने, घरों में रहने और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई। भारत सरकार मध्य-पूर्व के हालात पर बारीकी से नजर रख रही है। इसके अलावा, भारत से कतर जाने वाली दो फ्लाइट्स रद्द कर दी गई है और कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने भी अपनी उड़ानें डायवर्ट या रद्द की हैं।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
ईरान के हमलों के बाद, कतर, यूएई और बहरीन ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए, जिससे क्षेत्र में हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. माजेद अल अंसारी ने हमले को कतर की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और कहा कि कतर अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबी कार्रवाई का अधिकार रखता है। सऊदी अरब ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की, जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने नागरिकों पर हमले रोकने की मांग की।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अर्घची ने रूस के साथ गंभीर परामर्श के लिए मॉस्को का दौरा किया, जहां वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। ईरान ने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि वह डिप्लोमेसी के बजाय ताकत की भाषा समझता है।

ट्रंप के युद्धविराम के दावे के बावजूद, मध्य-पूर्व में तनाव कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। ईरान और इजराइल के बीच मिसाइल हमले जारी हैं और अमेरिका की भागीदारी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। कतर में अल उदेद एयरबेस पर ईरान के हमले ने क्षेत्रीय स्थिरता को और खतरे में डाल दिया है। भारत सहित कई देश अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं। यह स्पष्ट है कि मध्य-पूर्व में शांति की राह अभी लंबी और कठिन है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।