Uttarakhand Panchayat Chunav: उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, आरक्षण विवाद ने रोकी चुनावी प्रक्रिया!

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धामी सरकार को हाईकोर्ट का झटका

देहरादून, 23 जून 2025: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 (Uttarakhand Panchayat Chunav) की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए चुनाव प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय आरक्षण और रोटेशन प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के चलते आया है, जिसने धामी सरकार के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 15 जुलाई को दो चरणों में मतदान और 19 जुलाई को मतगणना की घोषणा की थी, लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।

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हाईकोर्ट का फैसला और आरक्षण विवाद

नैनीताल हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सोमवार, 23 जून 2025 को पंचायत चुनावों पर रोक लगाने का आदेश दिया। यह फैसला बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया, जिन्होंने आरक्षण और रोटेशन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार ने 9 जून 2025 को नई नियमावली जारी की और 11 जून को पुराने आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित कर नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया, जो हाईकोर्ट के पूर्व दिशानिर्देशों के खिलाफ है।

हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि जब मामला विचाराधीन था, तो चुनाव कार्यक्रम क्यों जारी किया गया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक आरक्षण नियम 2025 की राजपत्र अधिसूचना जारी नहीं होती और आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक कोई भी चुनावी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

Nanital High Court

धामी सरकार पर सियासी हमला

हाईकोर्ट के इस फैसले ने सत्तारूढ़ धामी सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा, “हाईकोर्ट का फैसला सरकार की नीयत को उजागर करता है। हमारी आशंकाओं पर मुहर लगी है।” दूसरी ओर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि पार्टी इस आदेश का अध्ययन कर रही है और सरकार की मंशा स्पष्ट है कि वह निष्पक्ष चुनाव कराना चाहती है।

Pushkar Singh Dhami

पंचायत चुनाव की तैयारियां रुकीं

राज्य निर्वाचन आयोग ने 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी। नामांकन प्रक्रिया 25 जून से शुरू होने वाली थी, जो 28 जून तक चलेगी। 29 जून से 1 जुलाई तक नामांकन पत्रों की जांच और 3 जुलाई को चुनाव चिह्न आवंटन का कार्यक्रम था। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब यह पूरी प्रक्रिया रुक गई है। पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने बताया कि सरकार कोर्ट के निर्देशों का पालन करने के लिए कदम उठा रही है और जल्द ही आरक्षण नियमों की अधिसूचना कोर्ट में पेश की जाएगी।

UP Panchayat Chunav

जनता और पंचायतों पर प्रभाव

इस वर्ष पंचायत चुनावों का महत्व इसलिए भी अधिक था क्योंकि पूर्व में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को अब कार्यभार संभालना था, लेकिन कोर्ट के फैसले ने इस प्रक्रिया को अनिश्चितता में डाल दिया है। टिहरी निवासी मुरारीलाल खंडवाल जैसे याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि नई रोटेशन नीति के कारण कई उम्मीदवार चुनाव में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं, जो सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।

UP Panchayat Chunav Uttarakhand Panchayat Chunav

सरकार के सामने चुनौतियां

हाईकोर्ट ने सरकार से अगली सुनवाई तक आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। विशेष रूप से अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण नीति को लेकर स्पष्टता की मांग की गई है। पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के बाद ओबीसी आरक्षण का निर्धारण नए सिरे से किया जा रहा है, लेकिन इसमें देरी ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया है।

उत्तराखंड में पंचायत चुनावों पर हाईकोर्ट की रोक ने न केवल धामी सरकार की तैयारियों पर पानी फेर दिया है, बल्कि यह भी सवाल उठा रहा है कि क्या सरकार समय पर आरक्षण विवाद को सुलझा पाएगी। अब सभी की नजरें अगली सुनवाई और सरकार के जवाब पर टिकी हैं। क्या धामी सरकार इस संकट से उबर पाएगी, या यह विवाद और गहराएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।

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