DGCA की सख्त कार्रवाई: एयर इंडिया के 3 अधिकारी हटाए गए
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 21 जून 2025: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए दिल दहलाने वाले विमान हादसे के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एयर इंडिया के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। इस हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। DGCA ने एयर इंडिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को क्रू शेड्यूलिंग से जुड़ी सभी जिम्मेदारियों से हटाने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई उड़ान सुरक्षा और नियमों के अनुपालन में लापरवाही के गंभीर आरोपों के बाद की गई है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघानीनगर के एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। हादसे में केवल एक यात्री, 39 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच पाए। विमान के मेडिकल कॉलेज की मेस से टकराने के कारण जमीन पर मौजूद 29 लोग, जिनमें कई मेडिकल छात्र शामिल थे, भी मारे गए।

हादसे के बाद DGCA ने तुरंत जांच शुरू की और 20 जून 2025 को एयर इंडिया के खिलाफ सख्त आदेश जारी किया। DGCA ने पाया कि क्रू शेड्यूलिंग और रोस्टरिंग में गंभीर अनियमितताएं थीं, जो हादसे का एक संभावित कारण हो सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप, तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला लिया गया।

हटाए गए अधिकारी और उनके खिलाफ आरोप
DGCA ने जिन तीन अधिकारियों को हटाने का आदेश दिया, उनके नाम और पद इस प्रकार हैं:
- चूरहा सिंह, डिवीजनल वाइस प्रेसिडेंट
- पिंकी मित्तल, चीफ मैनेजर, डीओपीएस, क्रू शेड्यूलिंग
- पायल अरोड़ा, क्रू शेड्यूलिंग, प्लानिंग
इन अधिकारियों पर निम्नलिखित गंभीर उल्लंघनों के आरोप लगाए गए हैं:
- अनधिकृत और गैर-अनुपालक क्रू पेयरिंग: क्रू मेंबर्स की जोड़ी बनाने में नियमों का पालन नहीं किया गया, जिससे उड़ान सुरक्षा खतरे में पड़ी।
- लाइसेंसिंग और रीसेंसी नियमों का उल्लंघन: पायलट और क्रू मेंबर्स की योग्यता और हाल की उड़ान अनुभव संबंधी नियमों की अनदेखी की गई।
- शेड्यूलिंग प्रोटोकॉल में विफलता: क्रू शेड्यूलिंग और निगरानी में व्यवस्थित कमियां पाई गईं, जो उड़ान संचालन की सुरक्षा के लिए खतरा थीं।
DGCA ने एयर इंडिया को निर्देश दिया कि इन अधिकारियों को तुरंत क्रू शेड्यूलिंग से संबंधित सभी जिम्मेदारियों से हटाया जाए और उनके खिलाफ आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। इस कार्रवाई की रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर DGCA को सौंपने का आदेश भी दिया गया है।

DGCA का निर्देश
DGCA ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि उड़ान सुरक्षा और नियमों के अनुपालन में किसी भी तरह की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एयर इंडिया को निम्नलिखित निर्देश दिए गए हैं:
- तीनों अधिकारियों को गैर-परिचालन भूमिकाओं में स्थानांतरित किया जाए, ताकि वे उड़ान सुरक्षा से संबंधित किसी भी जिम्मेदारी में शामिल न हों।
- शेड्यूलिंग प्रक्रियाओं में तत्काल सुधार किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियां न हों।
- बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की हर उड़ान से पहले सुरक्षा जांच अनिवार्य की जाए।
DGCA ने यह भी आदेश दिया कि एयर इंडिया अपने जेनएक्स इंजन वाले बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों का अतिरिक्त रखरखाव करे। यह निर्देश 15 जून 2025 से लागू हो चुका है।

हादसे का एयर इंडिया पर प्रभाव
अहमदाबाद विमान हादसे ने न केवल एयर इंडिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, बल्कि भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर चर्चा छेड़ दी। हादसे के बाद एयर इंडिया ने अपनी लंबी दूरी की उड़ानों में 15% कटौती की और तीन अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सेवाएं बंद कर दीं।
DGCA की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हादसा विमानन कंपनियों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें अपने संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही, यह निजीकरण के बाद भी कड़े नियामक निरीक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
एयर इंडिया ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा, टाटा समूह और एयर इंडिया ने जांच में पूर्ण सहयोग का वादा किया है।

अहमदाबाद विमान हादसा भारतीय विमानन इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है। DGCA की त्वरित और सख्त कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि सुरक्षा से समझौता नहीं होगा। एयर इंडिया को अब अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सके। यह घटना हमें याद दिलाती है कि हर उड़ान की सुरक्षा के पीछे कड़े नियम और जवाबदेही का होना कितना जरूरी है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।