नीतीश सरकार का चुनावी दांव: 400 से 1100 रुपये हुई पेंशन
प्रमुख बिंदु-
पटना, 21 जून 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक बड़ा जनहितकारी फैसला लिया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं की मासिक पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। अब लाभार्थियों को 400 रुपये की जगह 1100 रुपये हर महीने मिलेंगे। यह फैसला जुलाई 2025 से लागू होगा, जिससे राज्य के 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
पेंशन बढ़ोतरी का ऐलान: नीतीश का सोशल मीडिया पोस्ट
21 जून 2025 को सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस फैसले की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और विधवा महिलाओं को अब हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये पेंशन मिलेगी। जुलाई महीने से सभी लाभार्थियों को बढ़ी हुई दर पर पेंशन मिलेगी। यह राशि हर महीने की 10 तारीख को उनके खातों में जमा की जाएगी।”
नीतीश ने यह भी कहा कि बुजुर्ग समाज का अमूल्य हिस्सा हैं और उनका सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। इस ऐलान को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह फैसला सामाजिक कल्याण की दिशा में बड़ा कदम है।
चुनावी साल में नीतीश का बड़ा दांव
बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है। नीतीश सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में यह घोषणा एनडीए के लिए एक मास्टरस्ट्रोक मानी जा रही है। विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपनी ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत पेंशन को 1500 रुपये करने का वादा किया था, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 2000 रुपये का वादा किया। नीतीश ने चुनाव से पहले ही पेंशन बढ़ाकर विपक्ष के वादों को चुनौती दी है।
पिछले कुछ महीनों से बिहार में पेंशन बढ़ोतरी की मांग जोर पकड़ रही थी। इस फैसले से सरकार ने न केवल जनता की मांग को पूरा किया, बल्कि अपनी सामाजिक कल्याण की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।

लाभार्थियों को मिलेगा सीधा फायदा
यह पेंशन योजना इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, बिहार निःशक्तता पेंशन, और लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी योजनाओं को कवर करती है। 13 जून 2025 को नीतीश सरकार ने इन योजनाओं के तहत 62 लाख से अधिक लाभार्थियों के खातों में 271 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि डीबीटी के जरिए हस्तांतरित की थी। अब पेंशन में बढ़ोतरी से लाभार्थियों को और अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी।
यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं के लिए वरदान साबित होगी, जहां आर्थिक संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती है।

विपक्ष पर नीतीश का पलटवार
चुनावी माहौल में नीतीश कुमार ने न केवल जनहितकारी फैसले लिए, बल्कि विपक्ष पर हमला भी तेज किया। हाल ही में सीवान में पीएम मोदी की रैली में नीतीश ने कहा, “एनडीए के शासन में बिहार में विकास हुआ है। पहले RJD के समय लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे।” उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए RJD पर निशाना साधा।
वहीं, RJD नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश के इस फैसले को देर से लिया गया कदम बताया और कहा कि उनकी सरकार बनने पर पेंशन को और बढ़ाया जाएगा।

बिहार चुनाव पर क्या होगा असर?
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में एनडीए ने 225 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। नीतीश की यह घोषणा, खासकर महिला और बुजुर्ग वोटरों को साधने में अहम भूमिका निभा सकती है। दूसरी ओर, RJD की ‘माई-बहिन मान योजना’ और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
नीतीश का यह फैसला न केवल सामाजिक कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि चुनावी रणनीति के तहत भी महत्वपूर्ण है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस फैसले का स्वागत कैसे करती है और इसका चुनावी परिणामों पर क्या असर पड़ता है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।