G7 Summit 2025: कनाडा में लोकतांत्रिक महाशक्तियों की महत्वपूर्ण बैठक

G7 Summit 2025

G7 Summit 2025, कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के केनानास्किस में 15 से 17 जून 2025 तक आयोजित हो रहा है। यह 51वां G7 Summit है, जिसमें दुनिया की प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाएँ — कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान — साथ ही यूरोपीय संघ की उपस्थिति दर्ज की गई है। इसमें अनेक अतिथि देश भी शामिल हैं, जैसे भारत, मैक्सिको, ब्राजील, दक्षिण अफ़्रीका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन ।

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मुख्य एजेंडे: G7 Summit में क्या है एजेंडा ?

1. मध्य-पूर्व की ज्वलंत संकट – इज़राइल–ईरान संघर्ष
इस G7 Summit का शीर्ष विषय फिलहाल इज़राइल और ईरान के बीच तेज़ होती लड़ाई बन चुकी है। इज़राइल ने ईरान में बड़े हमले किए, जिसमें सैन्य तथा परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया, और ईरान ने भी इसके जवाब में ड्रोन और मिसाइल हमले किए । यूरोपीय नेताओं ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से स्पष्ट करने को कहा कि क्या वे इस हिंसा को शांत कराने की दिशा में हस्तक्षेप करेंगे या नहीं।

2. वैश्विक व्यापार और अमेरिकी टैरिफ्स
ट्रंप प्रशासन ने G7 Summit से पहले कनाडा, जापान और यूरोपीय देशों पर भारी टैरिफ लगाए, जिससे व्यापार युद्ध का माहौल बना । ब्रिटेन ने मई में अमेरिकी टैरिफ को घटाकर 5.1% से 1.8% किया; वहीं जापान और यूरोपीय संघ भी इस पर अगली कार्रवाई की तैयारी में हैं । कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कैरनी इस समय इस मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत में सीमित रखने पर ज़ोर दे रहे हैं ताकि G7 Summit में विवाद की स्थितियाँ टली जा सकें ।

3. विश्व-युद्ध की संकल्पना: रूस-यूक्रेन और चीन-ताइवान
G7 Summit में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी खास ध्यान रहा, जहाँ रूस की भूमिका पर चर्चा हुई । चीनी प्रभाव और ताइवान संकट को भी उच्च प्राथमिकता के साथ उठाया गया ।

4. जलवायु, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटलीकरण
कनाडा की G7 अध्यक्षता के तीन स्तंभ थे:

  • स्थानीय और वैश्विक समुदायों की सुरक्षा (wildfires, महामारी preparedness)
  • ऊर्जा सुरक्षा एवं डीजिटलीकरण
  • भविष्य की साझेदारियाँ (critical minerals, तकनीकी सहयोग)।
    कनाडा में इस साल अनुमानित 225 जंगल की आगें हैं – जिनमें 120 नियंत्रण से बाहर — और इन्हें संभालने के लिए G7 Summit पर फायरफाइटिंग सहयोग और उपकरण साझा करने का प्रस्ताव लाया गया।

केनानास्किस में G7 Summit – कनाडा की रणनीति

  • कमीकिュー जारी नहीं: कनाडा ने विवादित विषयों पर अंतिम Joint Communique जारी करने के बजाय छह विषय-विशिष्ट घोषणाएँ जारी करने का निर्णय लिया ।
  • कनाडाई संयमन: प्रधानमंत्री मार्क कैरनी ट्रंप की अप्रत्याशित प्रतिक्रिया से सचेत, विमर्श को शांतिपूर्ण और औपचारिक रखने का प्रयास कर रहे हैं।

US डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका: G7 Summit में ट्रम्पियन इफेक्ट्स

1. अप्रत्याशित ‘wild card’ ट्रंप
ट्रंप एक प्रमुख एजेंडा पॉइंट – उनकी अप्रत्याशित टिप्पणियाँ, कनाडा को 51वाँ राज्य बनाने तक की बातें, और ट्रेड विज्ञापनों का सामना — इस G7 Summit में “human flame‑thrower” के रूप में दर्शाया जा रहा है।

2. टैरिफ़ एवं व्यापार नीति
उन्होंने कहा कि अमेरिका पर पेट्रोलियम वस्तुओं पर 10% बेसलाइन टैरिफ रहेगा, और कनाडा व जापान पर लागू विशेष टैरिफ जारी रखने पर कायम हैं।

3. रूस रूपी विवाद
ट्रंप ने G8 से रूस को बाहर निकालने को “गलत” निर्णय बताया और कहा था, “You wouldn’t have that war”।

4. मध्य-पूर्व और सुरक्षा नीति
ट्रंप ने इज़राइल–ईरान संघर्ष पर किसी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर से इंकार कर दिया, पर ईरान को वार्ता के लिए प्रेरित करने की बात कही ।
उन्होंने साथ ही अमेरिका को इज़राइल के साथ एक द्विपक्षीय दृष्टिकोण अपनाने की ओर झुकाव भी दिखाया।

अन्य G7 देश और अतिथि नेताओं की भूमिका

फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन की प्रतिक्रिया

  • एमैनुएल मैक्रों, फ्रांसीसी राष्ट्रपति, ने ट्रंप की व्यवहारशील नीति के प्रति सावधानी बरती और संयुक्त यूरोपीय मोर्चा बनाने का आह्वान किया ।
  • जर्मन चांसलर फ़्रेड्रिक मेर्ज़ ने ईरान की परमाणु क्षमता को खतरनाक बताया और स्पष्ट संदेश की जरुरत पर जोर दिया, साथ ही उनकी पत्नि शार्लोट मेर्ज़ भी “partner program” में सक्रिय रहीं ।
  • यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने अमेरिकी–यूके व्यापार समझौते पर चर्चा की और ट्रंप से इमरजेंसी वार्ता के लिए सकारात्मक रूख दिखाया ।

भारत की उपस्थिति
—कनाडा ने भारत को आमंत्रित किया, विशेष रूप से PM मोदी को, जो उनकी अर्थव्यवस्था तथा वैश्विक ट्रेड नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिका की वजह से कहा गया । यह G7 Summit में उत्साहवर्धक परिवर्तन था।

अन्य अतिथि देश
—मैक्सिको की क्लॉडिया शेनबाउम, ब्राज़ील, दक्षिण अफ़्रीका, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन के राष्ट्रपति भी आमंत्रित हैं; ये सभी वैश्विक संकट पर एक परिष्कृत संवाद का हिस्सा हैं ।

प्रमुख घटनाएँ और प्रतिक्रियाएँ

  1. ट्रंप की व्यापार-युद्ध नीति — उन्होंने प्रति ट्विटर नया “Trump Mobile” फोन पेश किया और व्यापार युद्धों की नीतियाँ जारी रखीं, जिससे एथिकल चिंताएँ भी जुड़ीं ।
  2. कनाडाई जनजातीय नेता की टिप्पणी — एक आदिवासी नेता ने ट्रंप की नीतियों पर नाराज़गी जताई।
  3. टैंकलेस संधियों पर प्रतिबंध — G7 वित्त मंत्रियों ने रूस पर नए प्रतिबंधों की संभावना जताई; हालांकि इसके बावजूद अमेरिकी टैरिफ्स छूट दिए गए
  4. महत्वपूर्ण ख़ुलासे — कनाडा ने अभिव्यक्त किया कि G7 Summit से आगे कैसे निरंतर सहयोग की व्यवस्था बनेगी, चाहे कोई लिखित जॉइंट कॉम्यूनिके न हो ।

G7 Summit का वैश्विक प्रभाव

G7 Summit 2025 कनाडा में कई मोर्चों पर एक परीक्षण बन चुका है — जहाँ एक ओर ट्रंप का अप्रत्याशित और अलगाववादी रवैया, दूसरी ओर यूरोप और जापान जैसे सहयोगी देशों का शांत संयम।

  • इज़राइल-ईरान संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, क्लाइमेट बदलाव, आपूर्ति श्रृंखलाओं, AI और बाज़ार वर्चस्व — इनमें G7 की साझेदारी की अहमियत बनी रहेगी।
  • G7 Summit ने हालांकि कॉमन रणनीति अपनाने की जगह, छोटे समूहों में समझौतों पर ध्यान केंद्रित किया।

कनाडा की G7 अध्यक्षता ने चाहे कोई मोटा जॉइंट कम्यूनिके न जारी किया, लेकिन G7 Summit भारत जैसे उभरते देश को मंच पर आमंत्रित कर, महत्वपूर्ण वैश्विक साझेदारियों की दिशा निर्देशित की है।
ट्रंप के “Make America Great Again” विचारों ने फिर से G7 Summit में व्यापार और राजनयिक विवादों को हवा दी है, लेकिन अन्य सदस्यों का भरोसा दिखा कि वे अब ज़्यादा खुले और आत्म-निर्भर वैश्विक सहभागिता की ओर अग्रसर हैं ।

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