हर सांस में प्रभु का नाम हो, क्योंकि जीवन का कोई भरोसा नहीं
प्रमुख बिंदु-
वृन्दावन: संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj), जो राधा रानी के अनन्य भक्त हैं और अपने सत्संगों के माध्यम से लाखों भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं, उन्होंने ने हाल ही में हुए अहमदाबाद विमान हादसे पर गहरा और विचारोत्तेजक बयान दिया। X पर वायरल हो रहे उनके प्रवचन में उन्होंने जीवन की नश्वरता, भगवान के नाम के जप की महत्ता और सत्कर्म की आवश्यकता पर जोर दिया। यह बयान न केवल हादसे की त्रासदी को रेखांकित करता है, बल्कि सभी को आध्यात्मिक जीवन की ओर प्रेरित करता है।
Premanand Maharaj का वायरल बयान
एक भक्त ने उनसे अहमदाबाद विमान हादसे के बारे में पूछा, जिसके जवाब में Premanand Maharaj महाराज ने गहरे भाव से कहा कि सोचकर देखो, जिंदा आदमी कैसे जला होगा। उसको कितनी पीड़ा हुई होगी। थोड़ी देर अपने को वहां हाजिर करो। जिंदा हमारे ऊपर पेट्रोल गिरा, पूरा शरीर जल रहा है। बेहोशी में जलना अलग बात है, लेकिन होश में जलना कितना भयानक कष्ट है।
उन्होंने आगे कहा कि यह केवल उनके लिए नहीं, हमारे लिए भी सबक है। हम भी किसी दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं। कब क्या हो जाए, कुछ पता नहीं। आप आराम से जा रहे हो और गाड़ी आई, आपको रौंदकर चली गई। ऐसे कितने केस होते हैं। दिल फेल हो जाए, एक्सीडेंट हो जाए—कब, कहां, कौन, कुछ नहीं पता। हवाई जहाज में लोग जल गए और जहां जहाज गिरा, वहां भी जनहानि हुई होगी। इसी का नाम मृत्युलोक है, बड़ा भयावह है।

भक्ति और सत्कर्म पर जोर
महाराज ने भक्तों से भगवान की शरण में रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसलिए भगवान की शरण में रहो। भगवान का नाम जप करो, जितना कर सको। जिसने गर्भ में हमारी रक्षा की, वही सर्वत्र रक्षा करेगा। दूसरे का सामर्थ्य नहीं है। नाम जप से पाप नष्ट करो।
उन्होंने सत्कर्म पर बल देते हुए कहा कि मांस मत खाओ, शराब मत पिओ, हिंसा मत करो। दूसरों की बहन-बेटियों पर गलत नजर मत डालो। ये कर्म जब तुम्हारे सामने आएंगे, तो कुछ नहीं कर पाओगे। इस भयावह संसार में अगर कोई बचा सकता है, तो वह भगवान हैं।

मृत्युलोक की वास्तविकता
Premanand Maharaj ने मृत्युलोक की अनिश्चितता को रेखांकित करते हुए कहा कि यहां कब क्या हो जाए, कुछ पता नहीं। जो लोग हवाई जहाज में बैठे थे, वे तो जल गए, लेकिन जहां जहाज गिरा, वहां भी लोग मरे होंगे। इसलिए ज्यादा से ज्यादा भगवान का नाम जप करो। भगवान के आश्रित रहो।
आध्यात्मिक मार्गदर्शन
महाराज का संदेश स्पष्ट है—जीवन अनमोल लेकिन अनिश्चित है। X पर वायरल उनके प्रवचन में उन्होंने भक्तों से नैतिक जीवन अपनाने की अपील की। पाप को नष्ट करो, भगवान के नाम में लीन हो जाओ। यह संसार भयावह है, लेकिन भगवान की शरण में सुख है।

प्रभाव और प्रासंगिकता
प्रेमानंद महाराज के प्रवचन न केवल हादसे के संदर्भ में प्रासंगिक हैं, बल्कि आधुनिक जीवन की भागदौड़ में भी मार्गदर्शक हैं। उनका संदेश सत्कर्म, भक्ति और मानवता की सेवा पर केंद्रित है, जो आज के तनावपूर्ण समय में शांति और दिशा प्रदान करता है।
सुनिए प्रेमानंद महाराज जी ने Air India प्लेन क्रैश के बारे में क्या कहा
— Aashish Sisodia (@Being_sisodiaa) June 15, 2025
अभी भी समय है सत कर्म करो, किसी को परेशान न करो, मांस मदिरा का सेवन मत करो, किसी दूसरे की बहन बेटियों को न सताओ
ये कलयुग है लोग देखकर भी सीख और सबक नहीं ले रहे है pic.twitter.com/gE5q1Fyb50
Premanand Maharaj का प्रभाव
प्रेमानंद महाराज का जन्म कानपुर में अनिरुद्ध पांडेय के रूप में हुआ। 13 वर्ष की आयु में उन्होंने सन्यास लिया और वृंदावन निवृत्त निकुंज उपासना की दीक्षा ली। उनकी “सखी भाव” भक्ति युवाओं को आकर्षित करती है।
उनके सत्संगों में विराट-अनुष्का की उपस्थिति चर्चा में रही। 13 मई 2025 को विराट के टेस्ट रिटायरमेंट के बाद दोनों ने महाराज से आशीर्वाद लिया, जहां अनुष्का भावुक हो गईं।
सामाजिक और आध्यात्मिक संदेश
हादसे ने रक्तदान की आवश्यकता को उजागर किया। सिविल अस्पताल में O-नकारात्मक रक्त की कमी के लिए अपील की गई। Artemis Hospitals के अनुसार, भारत में 1.3 करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है, लेकिन 1 मिलियन की कमी है। प्रेमानंद महाराज का संदेश और रक्तदान दोनों ही जीवन रक्षा की दिशा में प्रेरित करते हैं।

Premanand Maharaj का अहमदाबाद विमान हादसे पर बयान जीवन की नाजुकता और भगवान की शरण की महत्ता को दर्शाता है।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।