दिन हो या रात गर्मी में जनता बेहाल!
प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 16 जून 2025: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में राजधानी लखनऊ से लेकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और आसपास के जिलों में बिजली कटौती ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। भीषण गर्मी के बीच बार-बार और लंबे समय तक बिजली गुल होने से लोग परेशान हैं। राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा धरातल पर कुछ और ही हकीकत बयां कर रही है। भीषण गर्मी में बुजुर्ग, बीमार और हृदय रोगियों सहित आम जनता का हाल बेहाल है। आइए, इस संकट की पूरी तस्वीर देखें।
लखनऊ: राजधानी में भी बिजली गुल, जनता का गुस्सा फुल
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हालात बदतर हैं। एक यूजर ने रात 2:30 बजे शिकायत करते हुए X पर लिखा, “पूरे दिन में लगभग 10 बार बिजली गई और वर्तमान में भी आपूर्ति बाधित, कृपया सुचारू करें, लखनऊ प्रदेश की राजधानी है और हमारी सरकार द्वारा वादा किया गया है की प्रदेश आख़िरी छोर तक 24 घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। समाधान करें” एक अन्य यूजर ने शिकायत की, “हर 10 मिनट में बिजली आती-जाती है। रात 12 बजे से यही हाल है। इतनी गर्मी में कैसे जिएं?”
18 मई 2025 को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दावा किया था कि लखनऊ में “अनावश्यक कटौती” नहीं होगी, लेकिन X पोस्ट्स और न्यूज रिपोर्ट्स बताते हैं कि रोजाना 4-8 घंटे की कटौती और कम वोल्टेज की समस्या बरकरार है। बिजली की मांग 1,564 MW तक पहुंच गई है, लेकिन पुराने उपकरण और धीमी मरम्मत प्रक्रिया इसे पूरा करने में नाकाम है।

वाराणसी में बिजली कटौती: रात में अंधेरा, दिन में त्राहिमाम
वाराणसी में बिजली कटौती की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। पिछले एक हफ्ते से वाराणसी के कई इलाकों जैसे सारनाथ, पांडेयपुर, बघवानाला, हुकुलगंज, महमानापुरी, आशापुर, शिवपुर, करौंदी और संकटमोचन में बिजली कटौती की समस्या चरम पर है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि रात में बिजली आधे घंटे के लिए आती है और फिर दो-दो घंटे तक गायब रहती है। एक यूजर ने अपनी शिकायत करते हुए X पर लिखा, “इतनी रात को फिर से इतनी देर तक बिजली काटने का क्या औचित्य है? बिजली 10 मिनट रहती है, 10 मिनट चली जाती है। रात 12 बजे से ये सिलसिला चल रहा है। कृपया ध्यान दें, बहुत समस्या है!”
तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के कारण गर्मी और उमस ने हालात को और बदतर कर दिया है। 10 जून को वाराणसी में 15 घंटे तक लू की स्थिति थी, जिसके चलते लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया। बिजली की बार-बार ट्रिपिंग और कम वोल्टेज ने इनवर्टर तक को बेकार कर दिया है। एक अन्य यूजर ने शिकायत करते हुए X पर लिखा, “महाराज, बिजली विभाग क्या पूरी तरह ध्वस्त हो गया है? वाराणसी को तो गांव से भी बदतर स्थिति में पहुंचा दिया है। रात में 1 घंटे से ज्यादा की कटौती 2-3 बार हो रही है।”

बिजनौर: बिजली कटौती ने छीनी जिंदगी
बिजली कटौती का सबसे दर्दनाक मामला बिजनौर से सामने आया, जहां 26 वर्षीय सरफराज की डायलिसिस के दौरान मौत हो गई। बिजली गुल होने के बाद अस्पताल का जनरेटर डीजल की कमी के कारण शुरू नहीं हो सका। सरफराज की मां गिड़गिड़ाती रही, लेकिन व्यवस्था ने कोई जवाब नहीं दिया। यह घटना बिजली विभाग और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी का जीता-जागता सबूत है।
26 साल का सरफ़राज़ डायलिसिस कराने अस्पताल गया था। डायलिसिस चल ही रही थी कि हॉस्पिटल में बिजली चली गई। कुछ खून मशीन में ही रह गया। जनरेटर में डीज़ल नहीं था। माँ गिड़गिड़ाती रही — बेटे को कुछ हो जाएगा। लेकिन सिस्टम सुनता तब ना…सरफ़राज़ मर गया। किसे सज़ा मिलेगी ? सिस्टम को या उस… pic.twitter.com/616RmPiCfr
— Prabhakar Kumar Mishra (@PMishra_Journo) June 15, 2025
आगरा और गाजियाबाद: हर 5 मिनट में बिजली गुल
आगरा में एक यूजर ने रात 2 बजे X पर लिखा, “बिजली विभाग पूरी तरह लापरवाह है। घंटों बिजली नहीं, और जब आती है तो 5 मिनट में कट जाती है। वोल्टेज ड्रॉप की समस्या अलग। बरौली अहीर सबस्टेशन, आगरा में कोई सुनवाई नहीं।” वहीं, गाजियाबाद के भोपुरा डिफेंस कॉलोनी में भी हाल बेहाल है। एक यूजर ने लिखा, “रात 2 बजे बिना बिजली के ट्वीट कर रहा हूँ। 5-6 घंटे से लाइट नहीं। दिन में भी यही हाल। इतनी गर्मी में कैसे जिएं? @UPPCLLKO, समाधान करें!”

सरकार का दावा और बिजली विभाग की हकीकत
उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 घंटे बिजली आपूर्ति का वादा किया था। लेकिन हकीकत में, बिजली विभाग इस वादे को पूरा करने में पूरी तरह नाकाम रहा है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने दावा किया था कि यूपी में 30,618 MW बिजली आपूर्ति हो रही है, जो देश में सबसे ज्यादा है। लेकिन हकीकत यह है कि मांग बढ़ने पर बिजली विभाग के संसाधन जवाब दे रहे हैं। जर्जर तार, पुराने ट्रांसफार्मर, और कर्मचारियों की लापरवाही ने हालात बिगाड़ दिए हैं।
X पर शिकायतों से साफ है कि जमीनी स्तर पर सुधार नहीं हुआ। लोग बिजली विभाग से तत्काल समाधान और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। वाराणसी में हाल ही में 400 केवी और 220 केवी के ट्रांसमिशन सबस्टेशनों का उद्घाटन हुआ, लेकिन इनका लाभ अभी तक आम जनता तक नहीं पहुंचा है।
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन मौजूदा स्थिति इसके उलट है। गर्मी के कारण बिजली की मांग 400 MW तक बढ़ गई है, जिससे उपकरणों पर दबाव और कम वोल्टेज की समस्या पैदा हो रही है। पुराने तारों और खराब पोलों को बदलने का काम रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत चल रहा है, लेकिन यह प्रक्रिया धीमी है।

जनता की मांग: अब बस, बहुत हुआ!
बिजली विभाग की बदहाली से तंग आकर जनता का गुस्सा चरम पर है। एक यूजर ने X पर लिखा, “बिजली विभाग की ऐसी हालत देखकर लगता है कि इसका निजीकरण कर देना चाहिए।” लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सबस्टेशनों के फोन बंद होने या जवाब न मिलने से उनकी सुनवाई नहीं हो रही। लखनऊ, वाराणसी, आगरा और गाजियाबाद में लोग रात-दिन कटौती से त्रस्त हैं। बिजली विभाग की लापरवाही और संसाधनों की कमी ने जनता का सब्र तोड़ दिया है। जनता मांग कर रही है कि बिजली विभाग सरकार के वादों को पूरा करे, संसाधन बढ़ाए और लापरवाही पर लगाम लगाए।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।