Operation Rising Lion के बाद चर्चा तेज—Iran or Israel, किसकी सेना है ज़्यादा ताकतवर
प्रमुख बिंदु-
ग्लोबल डेस्क, यूनिफाइड भारत (Iran or Israel Conflict): इजरायल ने शुक्रवार तड़के ‘Operation Rising Lion’ शुरू कर ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर भीषण हमले किए। इन हमलों में IRGC कमांडर होसैन सलामी, कमांडर गुलाम-अली रशीद, परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरानची, फेरेयदून अब्बासी और ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी मारे गए। खामा न्यूज़ के अनुसार, ईरान ने “खून के बदले खून” की धमकी दी है, जिससे मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ गया है। इस ऑपरेशन ने सवाल उठाया है कि सैन्य ताकत में इजरायल और ईरान में से कौन अधिक शक्तिशाली है। दोनों देशों की सैन्य क्षमताओं का विश्लेषण इस जटिल शक्ति संतुलन को उजागर करता है।
हमले का विवरण
IRIB के मुताबिक, सुबह 3:20 बजे तेहरान के पूर्वी, मध्य और पश्चिमी हिस्सों में शक्तिशाली धमाके सुनाई दिए। इजरायल ने नतांज़ की परमाणु सुविधा, मिसाइल उत्पादन इकाइयों और हवाई रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि कम से कम छह सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। तस्नीम न्यूज़ ने दो परमाणु वैज्ञानिकों की मौत की पुष्टि की। इजरायल ने देश में आपातकाल लागू कर स्कूल बंद कर दिए और नागरिकों को घरों में रहने को कहा। अल जज़ीरा के अनुसार, ईरान ने जवाब में 100 ड्रोन दागे।
इजरायल बनाम ईरान: सैन्य ताकत की तुलना
जनशक्ति
- ईरान: 5.8 लाख सक्रिय सैनिक और 2 लाख रिज़र्व सैनिक, जिसमें IRGC (1.9 लाख) शामिल है। 8.9 करोड़ की आबादी और प्रति वर्ष 14 लाख सैन्य योग्य लोग इसे विशाल बनाते हैं।
- इजरायल: 1.69 लाख सक्रिय सैनिक, 4.65 लाख रिज़र्व और 8000 अर्धसैनिक बल। 1 करोड़ की आबादी के बावजूद, 32 लाख सैन्य योग्य लोग और कठिन प्रशिक्षण इसे चुस्त बनाते हैं।
वायु शक्ति
- इजरायल: 612 विमान, जिनमें 241 फाइटर जेट्स (F-35I, F-15, F-16) और 48 अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हैं। ग्लोबल फायर इंडेक्स के अनुसार, इसकी वायुसेना पश्चिम एशिया में सर्वश्रेष्ठ है।
- ईरान: 551 विमान, जिनमें 186 फाइटर जेट्स (F-14, Mig-29, Su-24) हैं, जो प्रतिबंधों के कारण पुराने हैं। इसके 129 हेलिकॉप्टर और ड्रोन तकनीकी रूप से कमज़ोर हैं।

मिसाइल और हवाई रक्षा
- ईरान: 3000+ बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलें, जैसे Shahab-3 (2000 किमी), Fattah (हाइपरसोनिक)। हवाई रक्षा (Bavar-373, Khordad-15) कमज़ोर है, जो हमले रोकने में नाकाम रही।
- इजरायल: Jericho III (4800–6500 किमी, परमाणु-सक्षम) और LORA मिसाइलें। आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और ऐरो ने 99% मिसाइलों को रोका।

थल सेना
- ईरान: 1996 टैंक (सोवियत-आधारित), 65,000+ बख्तरबंद वाहन, और 7000 तोपें। संख्या अधिक, लेकिन तकनीक पुरानी।
- इजरायल: 1370 मर्कवा टैंक, 40,000+ बख्तरबंद वाहन और 530 तोपें। तकनीक और प्रशिक्षण बेहतर।
नौसेना
- ईरान: 101 युद्धपोत, 19 पनडुब्बियां और छोटी नौकाओं से फारस की खाड़ी में असममित युद्ध में माहिर।
- इजरायल: 67 युद्धपोत, 5 पनडुब्बियां और अपतटीय रक्षा पर ध्यान।
परमाणु क्षमता
- इजरायल: SIPRI के अनुसार, 80–90 परमाणु हथियार, जो Jericho II/III और F-35 से दागे जा सकते हैं।
- ईरान: सैन्य-स्तर का यूरेनियम संवर्धन, लेकिन कोई पुष्ट बम नहीं।
बजट और गठबंधन
- इजरायल: 24.4 अरब डॉलर का रक्षा बजट, जिसमें 3.8 अरब अमेरिकी सहायता शामिल है। अमेरिका, यूरोप और क्षेत्रीय सहयोगी इसका समर्थन करते हैं।
- ईरान: 9.95–25 अरब डॉलर, जिसमें IRGC को तेहरान स्टॉक एक्सचेंज (20%) और गुप्त अर्थव्यवस्था से फंडिंग मिलती है। प्रॉक्सी समूह इसका विस्तार हैं।
कौन अधिक शक्तिशाली?
इजरायल की उन्नत तकनीक, वायु श्रेष्ठता, परमाणु हथियार और पश्चिमी गठबंधन इसे गुणात्मक बढ़त देते हैं। आयरन डोम और F-35 ईरान की मिसाइलों को बेअसर करते हैं, जबकि मोसाद की सटीक कार्रवाइयां ईरान को कमज़ोर करती हैं। ईरान की ताकत मिसाइलों, प्रॉक्सी समूहों और जनशक्ति में है, लेकिन प्रतिबंधों और पुरानी तकनीक इसे सीमित करते हैं। सीधे युद्ध में इजरायल की रणनीतिक बढ़त होगी, लेकिन ईरान की असममित रणनीति और क्षेत्रीय प्रभाव संघर्ष को लंबा खींच सकते हैं।

‘Operation Rising Lion’ ने ईरान के सैन्य और परमाणु ढांचे को झटका दिया है। इजरायल की तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता इसे मजबूत बनाती है, लेकिन ईरान की प्रॉक्सी और मिसाइलें क्षेत्र को अस्थिर कर सकती हैं।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।