प्रमुख बिंदु-
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) का नाम आईपीएल इतिहास में लंबे समय तक ‘अधूरे सपनों’ और ‘कब चैंपियन बनेगी?’ जैसे सवालों से जोड़ा जाता था। लेकिन 2025 का सीजन इस टीम के लिए क्रांति का प्रतीक बन गया। विराट कोहली की कप्तानी में, अनुभवी खिलाड़ियों और नए चेहरों के बेहतरीन तालमेल से RCB ने पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग की ट्रॉफी उठाई। यह सफर आसान नहीं था—हर जीत के पीछे रणनीति, जज़्बा और ज़बरदस्त प्रदर्शन छुपा था। आइए, इस ऐतिहासिक खिताब की ओर RCB के 5 सबसे निर्णायक मुकाबलों को विस्तार से समझते हैं।
1. मैच 1: RCB बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) — धमाकेदार शुरुआत

आईपीएल 2025 की शुरुआत ही RCB ने केकेआर के खिलाफ बेंगलुरु में जीत के साथ की। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए केकेआर ने 173 रन बनाए। वेंकटेश अय्यर (52 रन) और रिंकू सिंह (38 रन) ने अच्छी पारियां खेलीं, लेकिन RCB के गेंदबाजों ने अंत में रन गति पर नियंत्रण किया।
RCB के जोश हेजलवुड (4 ओवर, 24 रन, 2 विकेट) और मोहम्मद सिराज (3 ओवर, 20 रन, 1 विकेट) ने सटीक गेंदबाज़ी की।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी RCB की सलामी जोड़ी ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया। फिल सॉल्ट ने 31 गेंदों में 64 रन बनाए, जिसमें 4 छक्के और 6 चौके शामिल थे। विराट कोहली ने 45 रनों की संयमित पारी खेली और अंतिम ओवर में लियाम लिविंगस्टोन ने छक्का लगाकर टीम को 7 विकेट से विजयी बनाया।
2. मैच 8: चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) बनाम RCB — चेपॉक में ऐतिहासिक जीत

चेपॉक में CSK को हराना बंगलुरु के लिए अब तक सपना ही था, लेकिन इस बार यह सपना हकीकत में बदला। RCB ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 179 रन बनाए। राजत पाटीदार ने शानदार 73 रन बनाए, जिसमें उन्होंने रवींद्र जडेजा और मोइन अली के खिलाफ आक्रामक शॉट्स खेले। गेंदबाज़ी में हेजलवुड ने अपने पुराने फ्रैंचाइज़ी के खिलाफ 3 विकेट लिए। RCB के यश दयाल ने मध्यक्रम में 2 विकेट चटकाकर CSK को बैकफुट पर धकेल दिया। कप्तान एमएस धोनी की 21 रन की पारी के बावजूद CSK 129 रन पर ऑल आउट हो गई और बंगलुरु ने 50 रन से जीत दर्ज की।
3. मैच 12: RCB बनाम राजस्थान रॉयल्स (RR) — रन उत्सव और दबाव में जीत

जयपुर में खेले गए इस मैच में बंगलुरु ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 205/5 का बड़ा स्कोर खड़ा किया। विराट कोहली और देवदत्त पडिक्कल की ओपनिंग साझेदारी में 110 रन जुड़े। कोहली ने 45 गेंदों में 70 रन बनाए, जिसमें 8 चौके और 3 छक्के शामिल थे। पडिक्कल ने 50 रन की क्लासिक पारी खेली। RCB के राजत पाटीदार ने अंतिम ओवरों में तेजी से रन जोड़कर स्कोर को 200 पार पहुँचाया।
राजस्थान की ओर से सैमसन (42 रन) ने मजबूत शुरुआत दी, लेकिन हेजलवुड ने 4 विकेट लेकर मैच का रुख पलट दिया। डेथ ओवरों में सिराज और क्रुणाल पांड्या ने सटीक यॉर्कर फेंककर RR को 194/9 पर रोक दिया।
4. मैच 37: RCB बनाम पंजाब किंग्स (PBKS) — रणनीति और संयम की जीत

इस मैच में बंगलुरु ने लीग चरण की महत्वपूर्ण जीत हासिल की। पंजाब ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए शिखर धवन (46 रन) और लिविंगस्टोन (37 रन) की बदौलत 157 रन बनाए।
बंगलुरु की गेंदबाज़ी में सुयश शर्मा (4 ओवर, 25 रन, 2 विकेट) और क्रुणाल पांड्या (4 ओवर, 22 रन, 2 विकेट) ने रनों की गति पर लगाम लगाई।
जवाब में विराट कोहली और पडिक्कल ने एक बार फिर टीम को ठोस शुरुआत दी। पडिक्कल ने 61 रन बनाए और कोहली ने 55 रन की धैर्यशील पारी खेली। लियाम लिविंगस्टोन ने 17 गेंदों में 30 रन बनाकर जीत 18वें ओवर में ही सुनिश्चित कर दी। यह जीत RCB को टॉप 2 में पहुंचाने में निर्णायक साबित हुई।
5. फाइनल: RCB बनाम पंजाब किंग्स — वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त

3 जून 2025 को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बंगलुरु ने इतिहास रच दिया। टॉस जीतकर बल्लेबाज़ी करने उतरी टीम की शुरुआत धीमी रही, लेकिन विराट कोहली ने धैर्य के साथ 43 रन बनाए। जितेश और लिविंगस्टन ने रन जोड़कर स्कोर को 190/9 तक पहुँचाया।
PBKS के गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि शुरूआती ओवरों में रनों की बारिश ने फर्क पैदा किया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए पंजाब ने तेज शुरुआत की। प्रियांश और प्रभसिमरन ने पावरप्ले में 52 रन जोड़ दिए। तभी आया हेजलवुड का स्पेल—उन्होंने पहले धवन और फिर लिविंगस्टोन को आउट कर मैच पलटा। क्रुणाल ने एक मेडन ओवर फेंका और फिर 2 अहम विकेट लिए।
अंतिम ओवर में PBKS को 29 रन चाहिए थे। हेज़लवूड की गेंदबाज़ी पर शशांक सिंह ने अपना दम तो दिखाया, पर 6 रनों से हार का सामना करना पड़ा। बंगलुरु बनी पहली बार चैम्पियन।
सपनों से हकीकत तक
बंगलुरु का 2025 का अभियान महज़ जीत नहीं बल्कि एक पूर्ण परिवर्तन की कहानी थी। एक टीम जो सालों से ट्रॉफी के लिए संघर्ष कर रही थी, उसने अंततः उस खिताब को अपने नाम किया। विराट कोहली ने अपने नेतृत्व में संयम और प्रेरणा का अद्भुत उदाहरण दिया। राजत पाटीदार, हेजलवुड, पडिक्कल और क्रुणाल जैसे खिलाड़ियों ने हर बार टीम को संकट से बाहर निकाला।
RCB का यह खिताब सिर्फ एक टीम की जीत नहीं, बल्कि करोड़ों फैंस के धैर्य, विश्वास और जुनून की जीत थी।
अवि नमन यूनिफाइड भारत के एक विचारशील राजनीतिक पत्रकार और लेखक हैं, जो भारतीय राजनीति, नीति निर्माण और सामाजिक न्याय पर तथ्यपरक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में गहरी समझ और नया दृष्टिकोण झलकता है। मीडियम और अन्य मंचों पर उनके लेख लोकतंत्र, कानून और सामाजिक परिवर्तन को रेखांकित करते हैं। अवि ने पत्रकारिता के बदलते परिवेश सहित चार पुस्तकों की रचना की है और सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता के लिए समर्पित हैं।