वाराणसी में बकरी के साथ दुराचार: बकरी की मौत
प्रमुख बिंदु-
वाराणसी, 22 मई 2025: उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) जिले के सारनाथ थाना क्षेत्र के बेनीपुर गांव से एक ऐसी शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक युवक पर नशे की हालत में बकरी के साथ दुराचार करने का आरोप है, जिसके परिणामस्वरूप बकरी की हालत बिगड़ गई और उसकी मृत्यु हो गई। इस मामले का खुलासा आरोपी की पत्नी ने किया, जिसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोग पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन दो दिन बीतने के बावजूद मामला दर्ज नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया है।
घटना का विवरण
सारनाथ थाना क्षेत्र के बेनीपुर गांव के निवासी बृजेश कुमार ने बताया कि 20 मई 2025 की रात को गांव के संतोष प्रजापति (35) ने नशे में धुत होकर अपने घर में मौजूद बकरी के साथ दुराचार किया। उस समय संतोष की पत्नी, रोशनी प्रजापति, घर पर मौजूद नहीं थी। रोशनी ने बताया कि जब वह घर लौटी, तो उसने देखा कि बकरी की हालत बेहद गंभीर थी और उसने अपने पति की इस घृणित हरकत को उजागर किया। बकरी की हालत लगातार बिगड़ती गई और अंततः उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना ने न केवल रोशनी को सदमे में डाल दिया, बल्कि पूरे गांव में गुस्से की लहर दौड़ गई।

पत्नी की शिकायत और ग्रामीणों का आक्रोश
घटना के बाद रोशनी प्रजापति ने तुरंत सारनाथ थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। हालांकि, दो दिनों तक थाने के चक्कर काटने के बावजूद, उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। रोशनी ने कहा, “मैं दो दिन से थाने जा रही हूं, लेकिन पुलिस मेरी शिकायत दर्ज नहीं कर रही। मेरे पति ने जो किया, वह बेहद गलत और अमानवीय है। मैं चाहती हूं कि उसे सजा मिले।” पुलिस की इस निष्क्रियता ने ग्रामीणों के बीच असंतोष को और बढ़ा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समाज के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
बेनीपुर गांव के निवासियों ने इस घटना के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उनका कहना है कि संतोष प्रजापति जैसे लोग समाज के लिए खतरा हैं और उनकी मानसिकता बेहद खतरनाक है। एक ग्रामीण, रमेश यादव, ने कहा, “आज यह बकरी के साथ हुआ, लेकिन यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो कल यह किसी इंसान के साथ भी हो सकता है। पुलिस को तुरंत कदम उठाना चाहिए।” ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे सारनाथ थाने के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण
यह घटना न केवल नैतिक रूप से घृणित है, बल्कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत भी गंभीर अपराध है। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत, जानवरों के साथ क्रूरता या यौन शोषण के लिए सजा का प्रावधान है, जिसमें जुर्माना और कारावास शामिल हो सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता अनिता शर्मा ने कहा, “ऐसी घटनाएं समाज में नैतिक पतन का संकेत हैं। पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।”

बेनीपुर की यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख देने वाली है, बल्कि यह समाज में बढ़ते नैतिक पतन और पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाती है। ग्रामीणों की मांग है कि संतोष प्रजापति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। पुलिस की त्वरित कार्रवाई न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करेगी, बल्कि समाज में विश्वास भी बहाल करेगी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।