पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से संपर्क, दो बार यात्रा: ज्योति पर जासूसी का गंभीर आरोप
प्रमुख बिंदु-
चंडीगढ़, 18 मई 2025: हरियाणा पुलिस ने एक चौंकाने वाले मामले में हिसार की 33 वर्षीय ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति रानी उर्फ ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के बाद शुरू किया गया था। ज्योति, जो अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के जरिए 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स और इंस्टाग्राम पर 1.32 लाख फॉलोअर्स के साथ मशहूर हैं, पर संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों को साझा करने का आरोप है। इस मामले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है।

जासूसी का जाल: कैसे शुरू हुई कहानी?
हरियाणा पुलिस के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा ने प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा किया कि 2023 में वह पाकिस्तान की यात्रा के लिए वीजा लेने दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन गई थीं। यहीं उनकी मुलाकात एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश नाम के एक अधिकारी से हुई, जो बाद में उनके हैंडलर बने। दानिश को भारत सरकार ने 13 मई 2025 को जासूसी के आरोप में ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर देश से निष्कासित कर दिया था। पुलिस का कहना है कि ज्योति ने दानिश का फोन नंबर साझा किया और उसके साथ लगातार संपर्क में रहीं।
ज्योति ने 2023 में वीजा प्राप्त कर दो बार पाकिस्तान की यात्रा की। वहां दानिश के कहने पर उनकी मुलाकात अली अहवान नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने उनकी यात्रा और ठहरने की व्यवस्था की। अली ने ज्योति को पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों, शाकिर और राणा शहबाज से मिलवाया। ज्योति ने शाकिर का नंबर अपने फोन में ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव किया ताकि किसी को शक न हो।

संवेदनशील जानकारी भेजीं
पुलिस के अनुसार, ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए दानिश, अली, शाकिर और राणा शहबाज के साथ संपर्क बनाए रखा। उन्होंने भारत की महत्वपूर्ण सैन्य और रणनीतिक स्थापना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी इन व्यक्तियों के साथ साझा की। पुलिस का यह भी आरोप है कि ज्योति ने अपने यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की सकारात्मक छवि बनाने की कोशिश की, जो एक सुनियोजित प्रभाव अभियान का हिस्सा हो सकता है।
ज्योति ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्हें पाकिस्तानी हैंडलर से पैसे मिले। उन्होंने दो लेनदेन में 30,000 रुपये प्राप्त किए, जिसमें 10,000 और 20,000 रुपये की राशि यूपीआई के जरिए हासिल की गई। यह खुलासा इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाता है, क्योंकि यह संकेत देता है कि ज्योति को आर्थिक प्रलोभन देकर जासूसी के लिए इस्तेमाल किया गया।

कानूनी कार्रवाई और जांच
ज्योति मल्होत्रा को हिसार के न्यू अग्रवाल एक्सटेंशन क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की धारा 3 और 5, साथ ही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 (देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया। शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। उनकी जांच में खुफिया एजेंसियां भी शामिल हैं, जो इस नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
ज्योति के मोबाइल और लैपटॉप की जांच में संदिग्ध सामग्री मिली है, जिसके आधार पर पुलिस और खुफिया एजेंसियां उनके सोशल मीडिया कंटेंट और संपर्कों की गहन छानबीन कर रही हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान यात्रा से संबंधित वीडियो अभी भी उपलब्ध हैं, जिन्हें जांच के दायरे में लाया गया है।

ज्योति का बैकग्राउंड
ज्योति मल्होत्रा हिसार की रहने वाली हैं और उनके पिता हरिश कुमार मल्होत्रा हरियाणा बिजली बोर्ड से रिटायर्ड कर्मचारी हैं। ज्योति ने कोविड-19 महामारी के दौरान गुरुग्राम में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और करीब तीन साल पहले ट्रैवल ब्लॉगिंग शुरू की थी। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके यूट्यूब चैनल पर 487 वीडियो हैं, जिनमें पाकिस्तान और थाईलैंड की यात्राओं से संबंधित कंटेंट प्रमुख है।
पाकिस्तान से संबंधों का नेटवर्क
ज्योति की गिरफ्तारी इस तरह का पहला मामला नहीं है। हाल ही में हरियाणा पुलिस ने पंजाब के मलेरकोटला और हरियाणा के कैथल और नूंह से छह अन्य लोगों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनमें 24 वर्षीय नौमान इलाही और 25 वर्षीय देवेंद्र सिंह ढिल्लन शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सैन्य ठिकानों की जानकारी साझा की थी।

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस घटना ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को और तनावपूर्ण कर दिया है।
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नए खतरे की ओर ध्यान खींचा है। यह मामला न केवल जासूसी का गंभीर उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क के अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हैं, और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।