ब्रिटेन के पीएम कीयर स्टार्मर ने पीएम मोदी से फोन पर की बातचीत
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली/लंदन: India और यूनाइटेड किंगडम UK के बीच एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर सहमति बन गई है। मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर इस समझौते को “ऐतिहासिक मौका” बताया और उन्हें बधाई दी।स्टार्मर ने इस बातचीत का 50 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा किया, जो तेज़ी से वायरल हो रहा है।
The trade deal with India will raise living standards, put more money in the pockets of British working people, and deepen the unique ties between our two nations. pic.twitter.com/TAXsPPN9Pv
— Keir Starmer (@Keir_Starmer) May 6, 2025
क्या है इस डील में खास?
टैरिफ में भारी कटौती:
- 90% ब्रिटिश सामान पर टैरिफ कटौती: भारत ने ब्रिटेन से आयात होने वाले 90% सामानों पर आयात शुल्क (टैरिफ) कम करने का फैसला किया है। इससे ब्रिटिश उत्पाद, जैसे व्हिस्की, ऑटोमोबाइल, और खाद्य पदार्थ, भारत में सस्ते होंगे।
- व्हिस्की और जिन पर टैरिफ में कमी: ब्रिटिश व्हिस्की और जिन पर भारत में लगने वाला टैरिफ 150% से घटाकर 75% किया गया है, और अगले 10 सालों में इसे और कम करके 40% तक लाया जाएगा। इससे ब्रिटिश शराब भारत में अधिक किफायती होगी।
- ऑटोमोबाइल पर टैरिफ में कटौती: ब्रिटिश कारों पर लगने वाला 100% टैरिफ अब घटाकर 10% किया जाएगा। इससे ब्रिटिश कारें, जैसे जगुआर और लैंड रोवर, भारत में सस्ती होंगी और भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अधिक सुलभ होंगी।
भारतीय निर्यात को बढ़ावा:
- 99% भारतीय निर्यात पर शुल्क-मुक्त पहुंच: इस समझौते के तहत, ब्रिटेन के बाजार में भारत के 99% निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसमें कपड़ा, चमड़ा, जूते, आभूषण, जमे हुए झींगे, खाद्य उत्पाद, और खेल उपकरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और निर्यात में तेजी आएगी।
- निर्यात क्षेत्रों को फायदा: भारत के टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, और समुद्री उत्पादों (56 मान्यता प्राप्त समुद्री इकाइयों के माध्यम से) के निर्यात में उछाल की उम्मीद है। यह न केवल व्यापार को बढ़ाएगा, बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद करेगा।
सेवा क्षेत्र और वीजा में सुधार:
- भारतीय पेशेवरों के लिए वीजा में आसानी: इस समझौते में भारतीय संगीतकारों, शेफ, योग प्रशिक्षकों, और अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए ब्रिटेन में वीजा एक्सेस को आसान किया गया है। यह भारतीय सेवा क्षेत्र, जैसे आईटी/आईटीईएस, नर्सिंग, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं, को बढ़ावा देगा।
- सामाजिक सुरक्षा कर में छूट: डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन (DCCA) के तहत, भारतीय कामगारों और उनके नियोक्ताओं को ब्रिटेन”/” target=”_blank”>ब्रिटेन में तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा करों से छूट मिलेगी। इससे भारतीय सेवा प्रदाताओं की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और आर्थिक लाभ होगा।
- ब्रिटिश सेवाओं के लिए अवसर: ब्रिटेन की वित्तीय, कानूनी, और टेलीकॉम सेवाओं को भारत में अधिक बाजार पहुंच मिलेगी, जिससे दोनों देशों के बीच सेवा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
आर्थिक और रणनीतिक लाभ:
- द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि: वर्तमान में भारत और ब्रिटेन के बीच वार्षिक व्यापार 21.34 बिलियन डॉलर (वित्त वर्ष 2023-24) है। इस समझौते से 2030 तक व्यापार को दोगुना करके 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने की उम्मीद है।
- रोजगार सृजन: यह समझौता भारत में कपड़ा, चमड़ा, और फुटवियर जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करेगा। ब्रिटेन में भी, विशेष रूप से विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में, नौकरियों में वृद्धि होगी।
- रणनीतिक साझेदारी: यह समझौता भारत-ब्रिटेन की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा। ब्रिटेन, जो ब्रेक्सिट के बाद स्वतंत्र व्यापार नीति पर जोर दे रहा है, के लिए यह समझौता एक बड़ी उपलब्धि है।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
- निवेश को बढ़ावा: भारत पहले से ही ब्रिटेन में फिनटेक, इलेक्ट्रिक वाहन, और बैटरी जैसे क्षेत्रों में बड़ा निवेशक है। यह समझौता छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को भी निर्यात के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- गैर-टैरिफ बाधाओं पर ध्यान: भारत ने कठोर मानकों और प्रमाणन आवश्यकताओं जैसी गैर-टैरिफ बाधाओं (NTBs) को हटाने पर जोर दिया है, जो कृषि उत्पादों जैसे भारतीय निर्यात को बाधित करती हैं।
- वैश्विक व्यापार में स्थिरता: डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से उत्पन्न वैश्विक व्यापार अस्थिरता के बीच, यह समझौता भारत और ब्रिटेन के लिए एक स्थिर और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार ढांचा प्रदान करता है।

आर्थिक और रणनीतिक फायदे
• इस डील से 2040 तक ब्रिटेन की इकोनॉमी में हर साल 4.8 बिलियन पाउंड का इजाफा होने का अनुमान है।
• प्रधानमंत्री मोदी ने इस समझौते को “महत्वाकांक्षी और आपसी हित में” बताया।
• यह डील भारत (India) और ब्रिटेन जैसे दो बड़े देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मज़बूत करेगी।
• भारत की टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और ज्वेलरी इंडस्ट्री को सीधा फायदा मिलेगा।
क्या हैं चुनौतियाँ?
- द्विपक्षीय निवेश संधि (BIT) पर अभी बातचीत जारी है। भारत (India) चाहता है कि विदेशी निवेशक किसी अंतरराष्ट्रीय विवाद समाधान प्रणाली में जाने से पहले स्थानीय अदालतों का पूरा इस्तेमाल करें।
- यूके UK में कुछ आलोचकों ने भारतीय कामगारों को दी गई सामाजिक सुरक्षा छूट को लेकर सवाल उठाए हैं और इसे “दोहरी टैक्स व्यवस्था” बताया है।



दिव्यांशु सिंह यूनिफाइड भारत के एक शोधपरक और तथ्य-संवेदनशील कंटेंट राइटर हैं, जो सरकारी नौकरियों, रक्षा समाचार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर विशेषज्ञता रखते हैं। उनके लेख सरकारी परीक्षाओं, नियुक्तियों और नीतिगत बदलावों को सरलता से समझाते हैं, जो लाखों युवाओं के लिए भरोसेमंद सूचना का स्रोत हैं। रोजगार और सामाजिक स्थिरता के लिए सटीक जानकारी देने के साथ-साथ वह रक्षा और अंतरराष्ट्रीय राजनीति जैसे जटिल विषयों को सहज भाषा में प्रस्तुत करने के लिए समर्पित हैं।