गोवा के शिरगांव में लैराई मंदिर उत्सव के दौरान भगदड़
प्रमुख बिंदु-
गोवा, 03 मई 2025 (Goa Temple Stampede): गोवा के लैराई मंदिर में मची भगदड़: 7 की मौत, 80 घायल, जांच के आदेश! के शिरगांव में शुक्रवार देर रात श्री लैराई जत्रा उत्सव के दौरान हुई भीषण भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में कम से कम सात लोगों की जान चली गई, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को गोवा मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और मापुसा के उत्तरी गोवा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त करते हुए प्रभावितों की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

हादसे का भयावह मंजर
श्री लैराई जत्रा, गोवा के शिरगांव में स्थित श्री लैराई देवी मंदिर में आयोजित एक प्रमुख धार्मिक उत्सव है, जो हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। यह उत्सव देवी पार्वती के अवतार मानी जाने वाली लैराई देवी को समर्पित है। इस साल शुक्रवार को शुरू हुए उत्सव में ‘धोंडाची जत्रा’ का आयोजन हो रहा था, जिसमें भक्त नंगे पैर जलती अंगारों पर चलते हैं। इस दौरान भारी भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संकरी गलियों और ढलान वाले रास्ते पर भीड़ के ठोकर खाने से यह हादसा हुआ। कुछ खबरों में अफवाहों और बिजली के झटके की आशंका को भी कारण बताया गया है, हालांकि इसका आधिकारिक पुष्टिकरण नहीं हुआ है।

मुख्यमंत्री और प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने तुरंत उत्तरी गोवा जिला अस्पताल और बिचोलिम के अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, “शिरगांव में लैराई जत्रा के दौरान हुई भगदड़ से गहरा दुख हुआ। मैंने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।” सावंत ने कहा कि इस घटना की गहन जांच होगी और इसका प्रतिवेदन सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन का वादा किया।
स्वास्थ्य विभाग का आपातकालीन प्रयास
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया कि इस हादसे में लगभग 80 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 10 की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा, “हमारी पूरी टीम रात भर से सक्रिय है। हमारा ध्यान गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाने पर है। सभी जिला अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और अतिरिक्त डॉक्टरों के साथ एक समर्पित गहन चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है।” राणे ने यह भी बताया कि पांच एंबुलेंस को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया था, और तीन अन्य को आसिलो में तैनात किया गया था।

नेताओं की संवेदनाएं और जांच की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा, “शिरगांव, गोवा में भगदड़ के कारण हुई जनहानि से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और गोवा के लिए कांग्रेस प्रभारी मणिकराव ठाकरे ने भी इस त्रासदी पर दुख जताया और बेहतर भीड़ प्रबंधन की मांग की। ठाकरे ने घायलों से मिलने के लिए गोवा रवाना होने की घोषणा की।

लैराई जत्रा की सांस्कृतिक महत्ता
श्री लैराई जत्रा गोवा के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें गोवा के साथ-साथ महाराष्ट्र और कर्नाटक से हजारों भक्त शामिल होते हैं। इस उत्सव में देवी की भव्य शोभायात्रा, ढोल-नगाड़ों की थाप, भक्ति भजनों और बलिदान की रस्में शामिल होती हैं। इस बार उत्सव में 50,000 से अधिक भक्तों की मौजूदगी थी, और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 400 पुलिसकर्मियों के साथ-साथ ड्रोन निगरानी और यातायात पुलिस की तैनाती की गई थी। फिर भी, यह पहली बार है जब इस आयोजन में इतनी बड़ी त्रासदी हुई।

इस हादसे ने धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल की आवश्यकता को रेखांकित किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि संकरे रास्तों, अपर्याप्त निकास बिंदुओं और भारी भीड़ के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। जांच के नतीजे आने के बाद सरकार को भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। फिलहाल, गोवा शोक में डूबा है, और देश इस दुखद घटना से सबक लेने की उम्मीद कर रहा है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।