Pahalgam Terror Attack: आतंकियों ने पूछा नाम, हिंदू होने पर चलाई गोलियां! ‘मुस्लिम नहीं है, गोली मार दो’, पहलगाम हमले पर बोले घायल, 26 ने गंवाई जान

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Pahalgam Terror Attack: लश्कर-TRF के आतंकियों ने गैर मुस्लिम पर्यटकों को बनाया निशाना

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल 2025 को एक दिल दहलाने वाला आतंकी हमला हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने बैसरन वैली में घुड़सवारी और सैर-सपाटे का आनंद ले रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की।

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इस हमले में आतंकियों ने धर्म के आधार पर हिंदुओं को निशाना बनाया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह हमला हिंदुओं के खिलाफ नफरत से प्रेरित था। चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा और हिंदू नाम सुनते ही गोलियां दाग दीं। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो विदेशी नागरिक और कर्नाटक, ओडिशा, और अन्य राज्यों के पर्यटक शामिल हैं। दर्जनों लोग घायल हैं, और यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी का सबसे घातक हमला है।

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हिंदुओं को चुन-चुनकर बनाया निशाना

बैसरन वैली, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, उस दिन खून से लाल हो गई जब दो से तीन आतंकियों ने सैन्य वर्दी और मास्क पहनकर पर्यटकों पर हमला किया। चश्मदीद आसावरी, जो पुणे से आई थीं, उन्होंने एक न्यूज़ चैनल को बताया, “आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में थे। हमसे धर्म पूछा, कुछ को कलमा पढ़ने को कहा, और हिंदू नाम सुनते ही गोली चला दी।” एक अन्य चश्मदीद पल्लवी, जिनके पति मनजुनाथ राव की हत्या कर दी गई, उन्होंने बताया, “आतंकियों ने मेरे पति का धर्म पूछा। हिंदू होने की पुष्टि के बाद उन्होंने गोली मार दी। मैंने कहा, ‘मुझे भी मार दो,’ तो एक आतंकी ने कहा, ‘जाओ, यह बात मोदी को बताओ।'”

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यह हमला दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ, जब पर्यटक बैसरन मीडोज में घुड़सवारी और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। एक पर्यटक द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो में गोलियों की आवाज और लोगों के चीखने की आवाजें साफ सुनाई देती हैं। इस हमले ने न केवल पर्यटकों में दहशत फैलाई, बल्कि यह भी उजागर किया कि आतंकी संगठन हिंदुओं के खिलाफ सुनियोजित नफरत भड़काने की साजिश रच रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे “हाल के वर्षों में नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला” करार दिया।

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टीआरएफ और लश्कर की साजिश

द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है, जो 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद अस्तित्व में आया। यह संगठन कराची से संचालित होता है और इसके नेतृत्व में साजिद जट, सज्जाद गुल और सलीम रहमानी जैसे लश्कर से जुड़े आतंकी शामिल हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान की उस साजिश का हिस्सा है, जिसमें लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रतिबंधित संगठनों का इस्तेमाल कर छोटे-छोटे दस्तों के जरिए भारत के नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है।

अमित शाह का सख्त रुख, पीएम मोदी की वापसी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमले के तुरंत बाद श्रीनगर पहुंचकर एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, डीजीपी, और सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। शाह ने श्रीनगर रवाना होने से पहले एक्स पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ आतंकी हमला बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएँ मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सऊदी अरब के दौरे पर थे, ने इस हमले के बाद अपनी यात्रा को छोटा कर दिया। सऊदी अरब द्वारा आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज को छोड़कर, उन्होंने तत्काल भारत लौटने का फैसला किया। मूल रूप से बुधवार रात को लौटने वाले पीएम मोदी अब मंगलवार रात को रवाना होंगे और बुधवार तड़के भारत पहुंचेंगे।

उन्होंने हमले की निंदा करते हुए एक्स पर लिखा, “मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा…उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।”

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देश और दुनिया में आक्रोश

इस हमले ने देश और दुनिया में गुस्से की लहर पैदा की है। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने इसे “निर्दोष लोगों की हत्या करने वाला भयावह कृत्य” बताया, जबकि संजय दत्त ने पीएम मोदी, शाह, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। कमल हासन, अनुपम खेर, और अन्य हस्तियों ने भी हमले की निंदा की।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा, “इज़राइल आतंक के खिलाफ भारत के साथ एकजुट है।” अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस और उनकी पत्नी उषा ने भी शोक व्यक्त किया।

विपक्ष ने भी हमले की निंदा की, लेकिन केंद्र सरकार पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने इसे “कायरतापूर्ण” बताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

आतंक की विचारधारा पर सवाल

वरिष्ठ पत्रकार और लेखक आनंद रंगनाथन ने इस हमले पर अपनी प्रतिक्रिया में गहरी चिंता जताई। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। इसीलिए पहलगाम के आतंकियों ने पर्यटकों के पहचान पत्र जांचे, उनके कपड़े उतरवाए, कलमा पढ़ने को कहा, और गैर-मुस्लिमों को मार डाला। इतनी नफरत सिर्फ सीमा पार से नहीं आ सकती। यह एक ऐसी विचारधारा से आती है जो सीमाओं को पार करती है।”

रंगनाथन का यह बयान इस हमले की गंभीरता को और गहराई देता है, क्योंकि यह न केवल एक आतंकी घटना है, बल्कि एक ऐसी विचारधारा का परिणाम है जो धार्मिक आधार पर हिंसा को बढ़ावा देती है। उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी, जिसमें कई लोगों ने इस विचारधारा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।

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यह हमला उस समय हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बढ़ रहा है और अमरनाथ यात्रा जैसे आयोजन नजदीक हैं। इसने सरकार के सामने नई चुनौतियां खड़ी की हैं। विपक्ष ने सरकार से सवाल किया है कि इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद यह हमला कैसे हुआ। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में कोई ढील नहीं देगी।

घायलों के ब्यान के अनुसार, पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि हिंदुओं के खिलाफ नफरत और हिंसा का खुला प्रदर्शन है। यह हमला जम्मू-कश्मीर की शांति और पर्यटन को भंग करने की साजिश तो है ही, साथ ही देश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश भी है।

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