सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग: Anurag Kashyap के बयान से उपजा तनाव
प्रमुख बिंदु-
मुंबई, 19 अप्रैल 2025: बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता और अभिनेता अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार विवाद ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ उनकी एक सोशल मीडिया टिप्पणी ने तूफान खड़ा कर दिया है। अनुराग के अपमानजनक और जातिवादी बयान ने न केवल सोशल मीडिया पर हंगामा मचाया, बल्कि उनके खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कर एक प्राथमिकी (FIR) की मांग भी की गई है। हालांकि, अनुराग ने 18 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली, लेकिन उनकी माफी में व्यंग्यात्मक लहजा और परिवार को मिल रही धमकियों का जिक्र विवाद को और हवा दे रहा है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

विवाद की शुरुआत: ‘फुले’ फिल्म और ब्राह्मण समुदाय का विरोध
यह पूरा विवाद अनंत महादेवन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘फुले’ से शुरू हुआ। यह फिल्म 19वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने जातिगत और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी और महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया। फिल्म में प्रतीक गांधी और पत्रलेखा ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं। ‘फुले’ को मूल रूप से 11 अप्रैल 2025 को रिलीज होना था, लेकिन अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज, हिंदू महासंघ, और परशुराम आर्थिक विकास महामंडल जैसे कुछ ब्राह्मण संगठनों ने फिल्म के कंटेंट पर आपत्ति जताई। इन संगठनों का दावा था कि फिल्म में ब्राह्मण समुदाय को गलत तरीके से चित्रित किया गया है, जो उनकी भावनाओं को आहत करता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने फिल्म को ‘यू’ सर्टिफिकेट तो दिया, लेकिन कई बदलाव करने को कहा, जिसमें ‘महार’, ‘मांग’, ‘पेशवाई’ जैसे शब्दों को हटाने और “3000 साल पुरानी गुलामी” जैसे वाक्यांश को “कई साल पुरानी गुलामी” में बदलने की मांग शामिल थी। फिल्म के निर्माताओं ने इन बदलावों को स्वीकार कर लिया, और रिलीज की तारीख को 25 अप्रैल 2025 तक के लिए टाल दिया।

अनुराग कश्यप का विवादित बयान
इस पूरे विवाद में अनुराग कश्यप ने ‘फुले’ के पक्ष में खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर कई पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने सीबीएफसी और ब्राह्मण संगठनों की आलोचना की। अनुराग ने लिखा, “मेरी जिंदगी का पहला नाटक ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले पर था। अगर इस देश में जातिवाद नहीं होता, तो उन्हें इसके खिलाफ लड़ने की क्या जरूरत थी? अब ये ब्राह्मण लोग या तो शर्मिंदा हैं, या शर्म से मर रहे हैं, या फिर किसी अलग ब्राह्मण भारत में रह रहे हैं, जो हम देख नहीं पा रहे।”
लेकिन विवाद तब और भड़क गया, जब एक सोशल मीडिया यूजर ने अनुराग को निशाना बनाते हुए लिखा, “ब्राह्मण तुम्हारे बाप हैं। जितना तुम उनसे सुलगोगे, उतना वो तुम्हें सुलगाएंगे।” इस कमेंट का जवाब देते हुए अनुराग ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, “ब्राह्मण पे मैं मूतूंगा… कोई प्रॉब्लम?” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और ब्राह्मण समुदाय के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया।

शिकायत और कानूनी कार्रवाई
अनुराग के इस बयान के बाद बीजेपी महाराष्ट्र के सोशल मीडिया और कानूनी सलाहकार विभाग के प्रमुख, वकील आशुतोष जे. दुबे ने मुंबई पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की। दुबे ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “मैंने आधिकारिक तौर पर @MumbaiPolice में @anuragkashyap72 के खिलाफ ब्राह्मण समुदाय के प्रति उनकी अपमानजनक और जातिवादी टिप्पणी के लिए एफआईआर दर्ज करने की शिकायत की है। ऐसा घृणास्पद भाषण सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”



दुबे ने खुद को ब्राह्मण समुदाय का सदस्य बताते हुए कहा कि अनुराग का बयान न केवल जातिवादी है, बल्कि यह नफरत को भड़काता है और संविधान में निहित गरिमा और समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। उन्होंने मुंबई पुलिस से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की प्रासंगिक धाराओं के तहत तत्काल कार्रवाई की मांग की।
अनुराग की माफी: कितनी माफ़ी, कितना तंज?
18 अप्रैल की रात को अनुराग ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट शेयर कर माफी मांगी। उन्होंने लिखा, “यह मेरी माफी है, न कि मेरे पोस्ट के लिए, बल्कि उस एक लाइन के लिए, जिसे संदर्भ से बाहर निकालकर नफरत फैलाई जा रही है। कोई भी कार्रवाई या बयान आपकी बेटी, परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को मिलने वाली बलात्कार और मौत की धमकियों के लायक नहीं है।”
अनुराग ने यह भी दावा किया कि उनके परिवार, खासकर उनकी बेटी आलिया कश्यप को ऑनलाइन धमकियाँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं जो कह चुका हूँ, उसे वापस नहीं लूँगा। लेकिन अगर आपको किसी को गाली देनी है, तो वह मुझे दें। मेरा परिवार कुछ नहीं कहता, न ही वे कभी बोलते हैं।” उन्होंने ब्राह्मण समुदाय से अपील की कि वे उनकी बेटी और परिवार की महिलाओं को निशाना न बनाएँ।
हालांकि, अनुराग की यह माफी कई लोगों को आधे-अधूरे मन की लगी। उनकी माफी में जहाँ एक तरफ पछतावा झलकता है, वहीं दूसरी तरफ वे अपने मूल बयान पर कायम रहे, जिससे विवाद और गहरा गया।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अनुराग के बयान की निंदा करते हुए कहा, “ब्राह्मणों को गाली देना आजकल नया ट्रेंड बन गया है। मैं ब्राह्मण होने के विशेषाधिकार को समझती हूँ, लेकिन पूरे समुदाय के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल गलत है।” वहीं, केंद्रीय कोयला और खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने अनुराग को “घृणित व्यक्ति” करार देते हुए तत्काल माफी की मांग की।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है। कुछ लोग अनुराग के समर्थन में हैं, जो मानते हैं कि उनका बयान जातिवाद के खिलाफ एक प्रतिक्रिया था, जबकि अन्य उनके बयान को घृणा फैलाने वाला और समाज को बाँटने वाला मानते हैं।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।