प्रमुख बिंदु-
Premanand Maharaj Health Update: राधा-कृष्ण की भक्ति में डूबे संत प्रेमानंद महाराज की सेहत ने उनके लाखों भक्तों को चिंता में डाल दिया है। किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे महाराज अब रोजाना डायलिसिस पर निर्भर हैं। उनकी मशहूर सुबह की पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। भक्तों की भीड़ राधा रानी से प्रार्थना कर रही है कि उनके प्रिय संत जल्द स्वस्थ हों।
रोजाना हो रही डायलिसिस
वृंदावन के रमण रेती में हित राधा केली कुंज आश्रम की ओर जाने वाला रास्ता अब सूना पड़ा है। पहले हर सुबह हजारों भक्त यहाँ महाराज के दर्शन के लिए जुटते थे, लेकिन अब खामोशी छाई है। आश्रम ने हाल ही में बताया कि प्रेमानंद महाराज की सेहत ठीक नहीं है, जिसके चलते उनकी 2 किलोमीटर की पदयात्रा बंद कर दी गई है।
महाराज श्रीकृष्ण शरणम सोसाइटी में रहते हैं, जहाँ उनके एक फ्लैट में डायलिसिस की पूरी व्यवस्था है। पहले हफ्ते में 3-5 बार होने वाली डायलिसिस अब हर दिन हो रही है। यह प्रक्रिया 4 से 5 घंटे तक चलती है, जिसमें छह डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल करती है। हाल ही में महाराज ने कुछ भक्तों को सीमित दर्शन दिए, लेकिन उनकी सेहत में सुधार के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले। चिकित्सकों का कहना है कि उनकी पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज अब गंभीर रूप ले चुकी है।

भक्तों में प्रार्थनाओं का दौर
महाराज की अनुपस्थिति ने वृंदावन को उदास कर दिया है। देशभर से भक्त दर्शन की उम्मीद में आते हैं, लेकिन निराश लौटते हैं। हरियाणा के पलवल से आए रवि शर्मा ने बताया, “महाराज के प्रवचनों ने मुझे नशे से मुक्ति दी। उनका एक दर्शन मेरे लिए सब कुछ है। अब वे बीमार हैं, राधा रानी उन्हें ठीक करें।” मथुरा की रीना देवी ने कहा, “मैं हर हफ्ते आती थी। अब उनके बिना सब अधूरा है।”
बीमारी की लंबी जंग
प्रेमानंद महाराज को 2006 में पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज का पता चला, जब कानपुर में पेट दर्द की शिकायत हुई। दिल्ली के डॉक्टरों ने बताया कि उनकी दोनों किडनियाँ खराब हैं। इसके बाद वे वृंदावन आए और राधा नाम जप में लीन हो गए। उन्होंने अपनी किडनियों को ‘राधा’ और ‘कृष्णा’ नाम दिया, जो उनकी भक्ति को दर्शाता है।
पहले डायलिसिस कभी-कभार होती थी, फिर साप्ताहिक, और अब रोजाना। उनके फ्लैट में ही मशीनें और चिकित्सा सुविधाएँ हैं। काशी में संन्यासी जीवन के दौरान वे गंगा स्नान और सादगी से जीते थे। लेकिन बीमारी ने उनकी दिनचर्या को सीमित कर दिया। फिर भी, उनकी भक्ति और सकारात्मकता भक्तों के लिए प्रेरणा बनी हुई है।
किडनी दान के लिए भक्तों की होड़
महाराज की भक्ति ने लोगों को जोड़ा है। ऑस्ट्रेलिया से आए एक हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने नौकरी छोड़कर वृंदावन में बस गए और उनकी सेवा में जुटे हैं। हाल ही में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने मुलाकात की और किडनी दान की पेशकश की। मध्य प्रदेश के आरिफ खान ने पत्र लिखकर कहा, “महाराज शांति और एकता के प्रतीक हैं। मैं अपनी किडनी देना चाहता हूँ।” श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के याचिकाकर्ता दिनेश बाबा ने भी यही इच्छा जताई। यह समर्पण महाराज के प्रभाव को दर्शाता है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
