प्रमुख बिंदु-
CM Yogi on Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। सड़कों पर पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमले की घटनाओं से शहर में तनाव फैल गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर सख्त लहजे में यह चेतावनी दी उन्होंने कहा, “वो मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। वो मानता था धमकी देंगे और हम जबरदस्ती जाम कर देंगे। हमने कहा जाम नहीं होगा, कर्फ्यू भी नहीं लगेगा, लेकिन कर्फ्यू का सबक तुम्हें ऐसा सीखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां दंगा करना भूल जाएगी।’
CM Yogi बोले: ‘डेंटिंग-पेंटिंग’ से ठीक होंगी बुरी आदतें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान बरेली बवाल पर सीधी बात कही। उन्होंने कहा, “कल बरेली में एक मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। उसे लगा धमकी देकर जाम कर देंगे, लेकिन हमने साफ कर दिया- न जाम होगा, न कर्फ्यू। फिर भी, सबक ऐसा सिखाया कि आने वाली पीढ़ियां दंगा करना भूल जाएंगी।” योगी ने उपद्रवियों की ‘बुरी आदतों’ पर तंज कसते हुए जोड़ा, “कभी-कभी बुरी आदतें जाती नहीं, तो डेंटिंग-पेंटिंग करवानी पड़ती है। यही तरीका है उन्हें ठीक करने का।” उन्होंने 2017 से पहले के दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि अब ऐसी घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारियों को निर्देश दिए कि वीडियो फुटेज और सोशल मीडिया से हर उपद्रवी की पहचान करें। योगी ने इसे दशहरा से जोड़ते हुए कहा कि यह बुराई के दहन का समय है, सरकार उपद्रवियों को कुचल देगी। यह बयान विपक्ष के लिए भी चुनौती बन गया है।
पूरा घटनाक्रम: कैसे भड़का बवाल?
बरेली में विवाद की जड़ ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर है, जो कानपुर से शुरू होकर कई शहरों में फैल गया। शुक्रवार को आला हजरत दरगाह और मौलाना तौकीर रजा के आवास के आसपास सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए। उनका दावा था कि यह अभियान पैगंबर मोहम्मद के सम्मान में है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे भड़काऊ मानते हुए अनुमति से इंकार कर दिया। जुमे की नमाज के तुरंत बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।

कोतवाली, बारादरी, किला, कैंट और प्रेमनगर थाना क्षेत्रों में पत्थरबाजी शुरू हो गई। उपद्रवियों ने दुकानों पर तोड़फोड़ की और पुलिस वाहनों को निशाना बनाया। डीआईजी अजय साहनी के मुताबिक, शरारती तत्वों ने फायरिंग भी की, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। पांच दिन पहले से ही इसकी साजिश रची जा रही थी, जैसा कि पुलिस जांच में सामने आया। बरेली एसएसपी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इस्लामिया इंटर कॉलेज ग्राउंड पर जमा होने का प्लान बनाया था, लेकिन सख्ती से रोका गया। आगे पढ़ें
तौकीर रजा जेल में, 1700 पर मुकदमे
पुलिस ने बवाल के महज 24 घंटों में तेज कार्रवाई शुरू कर दी। सबसे बड़ा झटका मौलाना तौकीर रजा को लगा, जिन्हें शनिवार को गिरफ्तार कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पहले उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया था, लेकिन जांच में उनके आह्वान की भूमिका साफ होने पर एक्शन लिया गया। अब तक आठ नामजद और 1700 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। 39 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें प्रदर्शनकारी और शरारती तत्व शामिल हैं।
आरआरएफ और पीएसी की टुकड़ियां मेरठ से बरेली पहुंची हैं। एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगाने की भी तैयारी चल रही है। डीआईजी ने कहा कि पर्दे के पीछे छिपे बड़े नामों को भी बेनकाब किया जाएगा। शहर में भारी फोर्स तैनात है, लेकिन कर्फ्यू नहीं लगाया गया। व्यापारियों ने एसएसपी से मुलाकात कर शांति की अपील की।

तौकीर रजा के पुराने कांड
यह घटना सिर्फ बरेली तक सीमित नहीं। कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, आगरा और सम्भल जैसे जिलों में भी इसी तरह के विवाद भड़के हैं। विपक्षी दल सपा ने इसे ‘सरकार की नाकामी’ बताया, जबकि बीजेपी ने ‘सुनियोजित साजिश’ करार दिया। मौलाना तौकीर रजा का पुराना इतिहास विवादास्पद रहा है- वे नागरिकता कानून के खिलाफ बयान दे चुके हैं, तस्लीमा नसरीन पर फतवा जारी किया और आजम खान से जेल में मिले। हिंदू संगठनों ने उनके बयानों पर विरोध जताया।

विशेषज्ञों का मानना है कि पर्व-त्योहारों के समय ऐसी घटनाएं सद्भाव को चुनौती देती हैं। योगी सरकार का दावा है कि 2017 के बाद दंगों पर लगाम लगी है और ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की निति के तहत कार्यवाही करना हमारी प्रतिबद्धता है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।