नई दिल्ली/मुंबई: देश की दो प्रमुख हाईकोर्ट्स, दिल्ली (Delhi High Court) और बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को बम से उड़ाने की धमकियों ने सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन को हाई अलर्ट (High Alert) पर ला दिया। दोनों ही कोर्ट परिसरों में धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद हड़कंप मच गया और तुरंत परिसरों को खाली कराया गया। दिल्ली में सुबह और बॉम्बे में दोपहर में मिली इन धमकियों ने एक बार फिर राजधानी और महानगरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट में बम की धमकी से अफरा-तफरी
शुक्रवार सुबह दिल्ली हाईकोर्ट को एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें कोर्ट परिसर में बम होने की बात कही गई थी। ईमेल में दावा किया गया कि “शुक्रवार विस्फोटों के लिए पाकिस्तान-तमिलनाडु की मिलीभगत” से तीन बम कोर्ट परिसर और जजों के कक्षों में रखे गए हैं और दोपहर 2 बजे तक परिसर खाली करने की चेतावनी दी गई। इस खबर के बाद सभी जजों ने तुरंत सुनवाई स्थगित कर दी और कोर्ट परिसर को खाली कराया गया।
दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वाड और अन्य सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंचीं और गहन तलाशी शुरू की। अभी तक की जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, लेकिन पुलिस मेल के आईपी एड्रेस के जरिए धमकी देने वाले की पहचान करने में जुटी है।

बॉम्बे हाईकोर्ट में दोपहर को धमकी, सुरक्षा बल सक्रिय
दिल्ली के बाद दोपहर में बॉम्बे हाईकोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली। एक वकील के अनुसार, पुलिस ने चीफ जस्टिस के आदेश पर परिसर खाली करने का निर्देश दिया। धमकी की खबर मिलते ही कोर्ट में मौजूद वकील, कर्मचारी और अन्य लोग बाहर निकाले गए। मुंबई पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और बम निरोधक दस्ते को मौके पर भेजा गया। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे परिसर की गहन तलाशी चल रही है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि धमकी किसने और क्यों दी। मुंबई में तटीय क्षेत्रों में पहले से ही सुरक्षा बढ़ाई गई थी और इस घटना ने पुलिस को और सतर्क कर दिया।

धमकियों का पैटर्न
दिल्ली और बॉम्बे हाईकोर्ट में मिली धमकियां ईमेल के जरिए भेजी गईं, जो हाल के महीनों में स्कूलों, कॉलेजों और अन्य सार्वजनिक स्थानों को मिली धमकियों के पैटर्न से मिलती-जुलती हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के ईमेल में पाकिस्तान की आईएसआई और तमिलनाडु के कुछ संगठनों का जिक्र किया गया, साथ ही एक शाह फैसल नामक व्यक्ति का नाम भी सामने आया। विशेषज्ञों का मानना है कि ये धमकियां हो सकता है कि अफवाह हों, लेकिन इनकी गंभीरता को देखते हुए कोई जोखिम नहीं लिया जा सकता। पुलिस दोनों मामलों में मेल के स्रोत का पता लगाने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ले रही है।
सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई
दिल्ली और बॉम्बे में धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। दिल्ली में पुलिस ने न्यू ब्लॉक को खाली कराकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसके चलते कई कोर्ट रूम में चल रही सुनवाई बीच में ही रोकनी पड़ी। बॉम्बे हाईकोर्ट में भी मुंबई पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया और चीफ जस्टिस के साथ जजों की बैठक बुलाई गई। वकीलों ने बताया कि परिसर में कोई पैनिक नहीं है, लेकिन सावधानी के तौर पर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। दोनों शहरों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।

पहले भी मिल चुकी हैं ऐसी धमकियां
दिल्ली-एनसीआर और अन्य शहरों में हाल के महीनों में स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों को बम की धमकियां मिलने का सिलसिला कोई नया नहीं है। उदाहरण के लिए, जुलाई 2025 में दिल्ली के द्वारका स्थित सीआरपीएफ स्कूल और नेवी स्कूल को भी ऐसी धमकियां मिली थीं, जो बाद में झूठी निकलीं। इसी तरह, अगस्त 2025 में पटना सिविल कोर्ट को भी बम की धमकी मिली थी। इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही सतर्क कर रखा है और हाईकोर्ट जैसे संवेदनशील स्थानों को निशाना बनाए जाने की कोशिश को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
