प्रमुख बिंदु-
पटना, 9 सितंबर 2025: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट (Bihar Cabinet) बैठक में 25 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी। इस बैठक में युवाओं के लिए नई नौकरियां, ग्रामीण विकास, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए मानदेय वृद्धि और पर्यावरण के अनुकूल शवदाह गृह जैसी योजनाओं को मंजूरी दी गई।
युवाओं के लिए नौकरी के सुनहरे अवसर
बिहार सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 3,303 अतिरिक्त पदों के सृजन को मंजूरी दी है। पहले से स्वीकृत 8,463 राजस्व कर्मचारियों के पदों के साथ यह निर्णय बिहार के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा। इसके अलावा, बिहार में अगले पांच सालों में 1 करोड़ नौकरियां देने का लक्ष्य भी कैबिनेट ने पहले स्वीकृत किया था, जिससे युवाओं में उत्साह है। यह कदम बिहार के बेरोजगार युवाओं के लिए आशा की किरण बन सकता है।
आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को बड़ी राहत
कैबिनेट ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये और सहायिकाओं का मानदेय 4,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये कर दिया गया है। इस निर्णय से लगभग 3.45 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभ होगा। इसके लिए 345.19 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ही इसकी घोषणा की थी, जिसे कैबिनेट ने तुरंत लागू कर दिया। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है।
ग्रामीण विकास को गति: सोलर स्ट्रीट लाइट और विवाह मंडप
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने कई योजनाओं को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे गांवों में सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएंगी। यह योजना रात के समय सड़क सुरक्षा बढ़ाने और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा देगी। साथ ही, मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के तहत 8,053 पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से विवाह मंडप बनाए जाएंगे, जिसके लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह योजना सामुदायिक आयोजनों को सुगम बनाएगी।
जीविका भवन और थानों में सीसीटीवी
पटना में जीविका (बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना) के लिए एक समर्पित भवन के निर्माण को मंजूरी दी गई है। यह भवन ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को और मजबूत करेगा। इसके अलावा, बिहार के 176 नए थानों में सीसीटीवी कैमरे, डैशबोर्ड निर्माण और भविष्य में नए थानों के लिए सीसीटीवी लगाने के लिए 280.60 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह कदम राज्य में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करेगा। मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को भी मंजूरी दी गई, जो युवाओं को प्रशासनिक और विकास कार्यों में जोड़ेगी।

एलपीजी आधारित शवदाह गृह
बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया। पटना, गया, छपरा, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय में एलपीजी गैस आधारित शवदाह गृह की स्थापना और संचालन के लिए ईशा फाउंडेशन को 33 वर्षों के लिए 1 रुपये की टोकन राशि पर एक-एक एकड़ जमीन देने की स्वीकृति दी गई है। यह पर्यावरण के अनुकूल शवदाह प्रक्रिया को बढ़ावा देगा और पारंपरिक तरीकों से होने वाले प्रदूषण को कम करेगा।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।