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लखनऊ, 5 सितंबर 2025: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकारी गाड़ियों पर 8 लाख रुपये का चालान होने की खबर ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस मामले में अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है और चालान को सियासी साजिश करार दिया है। लखनऊ में एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बात की और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने ऐसी गाड़ी दी है, जिसे चलाना मुश्किल है।
अखिलेश की गाड़ियों पर 8 लाख का जुर्माना
हाल ही में अखिलेश यादव को उनकी सरकारी गाड़ियों के लिए 8 लाख रुपये का चालान मिला। यह चालान कथित तौर पर ओवरस्पीडिंग के लिए काटा गया है। लखनऊ में आयोजित एक प्रेस वार्ता में अखिलेश ने इस मामले को उठाया और बताया कि उन्हें चालान के कागजात मिले, लेकिन उन्होंने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा, “मैंने कागजात भी नहीं देखे, क्योंकि यह चालान सरकार ने किया है। उनके पास कैमरे होंगे और हमारी गाड़ी उसमें रिकॉर्ड हुई होगी। हमने कहा, ठीक है, जितना चालान है, भर दो।” अखिलेश ने इस चालान को बीजेपी की साजिश करार दिया और दावा किया कि उनके पूरे काफिले को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
पुराना मामला: 5 साल से चालान न भरने का दावा
यह पहली बार नहीं है जब अखिलेश यादव के चालान का मुद्दा सुर्खियों में आया है। कुछ दिनों पहले, यूनिफाइड भारत पर प्रकाशित एक खबर में बताया गया था कि अखिलेश ने 5 साल से अपनी गाड़ियों के चालान नहीं भरे। यह खबर एक सोशल मीडिया पोस्ट पर आधारित थी, जिसमें उनके वाहनों पर बकाया चालान की बात कही गई थी। इस पुरानी खबर ने भी सियासी हलकों में खूब चर्चा बटोरी थी, लेकिन अखिलेश या उनके कार्यालय की ओर से उसका कोई जवाब नहीं आया था। अब ताजा चालान विवाद ने एक बार फिर इस मुद्दे को हवा दे दी है।
यहां पढ़े खबर : क्या पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav ने नहीं भरा है 5 साल से Challan? सोशल मीडिया पोस्ट ने किया खुलासा!

अखिलेश का तंज: “सिस्टम बीजेपी के इशारे पर”
प्रेस वार्ता में अखिलेश ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चालान प्रणाली को चलाने वाले लोग बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं। “जो सिस्टम चला रहा है, वो पक्का बीजेपी का होगा। मैं ट्रेस करूंगा कि वो बीजेपी का है या नहीं,” अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार जानबूझकर उनके काफिले की गाड़ियों पर चालान थोप रही है। अखिलेश ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “हमें तो एंबेसडर गाड़ी दी गई है, जो चलती ही नहीं। समय आएगा तो हम भी देखेंगे कि किसे कौन सी गाड़ी देनी है।” उनके इस बयान ने प्रेस वार्ता में मौजूद लोगों के बीच हल्की हंसी भी पैदा की।
“हम तो चालान भर देंगे, गरीब क्या करेंगे?”
अखिलेश ने इस मुद्दे को गरीबों और आम जनता से जोड़ते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने खाते से चालान की राशि भर देगी, लेकिन गरीब लोग इतनी बड़ी राशि कहां से लाएंगे? प्रेस वार्ता में एक व्यक्ति ने अपनी गाड़ी पर 20 हजार रुपये के चालान और गाड़ी के पार्ट्स चोरी होने की शिकायत की थी। इस पर अखिलेश ने कहा, “आपका तो कम चालान है। गरीब लोग इतने पैसे कहां से लाएंगे? सरकार की नीतियां आम लोगों को परेशान कर रही हैं।” उन्होंने बीजेपी पर आम जनता के हितों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।
चालान से उपजा नया विवाद
यह चालान विवाद यूपी की सियासत में एक नया मोड़ ला सकता है। अखिलेश का दावा है कि बीजेपी उनकी छवि खराब करने के लिए इस तरह के हथकंडे कर रही है। दूसरी ओर, ट्रैफिक नियमों के तहत चालान एक सामान्य प्रक्रिया है और इसे सियासी रंग देना विवाद को और बढ़ा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सपा और बीजेपी के बीच इस तरह के मुद्दे तनाव को और गहरा सकते हैं। अखिलेश की यह रणनीति जनता के बीच सहानुभूति बटोरने की कोशिश हो सकती है, वहीं बीजेपी इसे नियमों का पालन करने की सामान्य कार्रवाई बता सकती है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।