प्रमुख बिंदु-
डिजिटल डेस्क: शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले मशहूर शिक्षक खान सर (Khan Sir) अब स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में हैं। हाल ही में एक वीडियो में उन्होंने ऐलान किया कि बिहार के बाद अब वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के पास लंका क्षेत्र में एक अत्याधुनिक और किफायती मेडिकल डायग्नोसिस सेंटर खोला जाएगा। यह सेंटर न केवल बनारस के लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा, जहां सस्ती और विश्वसनीय जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी। खान सर का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, खासकर उन लोगों के लिए जो महंगी मेडिकल जांचों का खर्च नहीं उठा सकते।
खान सर का विजन: सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं
खान सर ने अपने वीडियो में स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य हर जिले में ऐसा डायग्नोसिस सेंटर स्थापित करना है, जहां लोग आसानी से और कम खर्च में अपनी जांच करा सकें। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद है कि किसी को एमआरआई या अन्य महंगी जांच के लिए बड़े शहर जैसे पटना, दिल्ली या मुंबई न जाना पड़े।” बनारस का सेंटर इस दिशा में बिहार के बाहर उनका पहला प्रोजेक्ट होगा।
खान सर का कहना है कि यह सेंटर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, लेकिन जांच की कीमत इतनी कम होगी कि हर आम आदमी इसका लाभ ले सके। उदाहरण के लिए, जहां सामान्यतः एमआरआई की कीमत 5,000 से 10,000 रुपये तक होती है, खान सर का लक्ष्य इसे कई गुना सस्ता करना है।

महिलाओं में बढ़ती थायराइड पर भी फोकस
खान सर ने विशेष रूप से महिलाओं में बढ़ती थायराइड की समस्या पर चिंता भी जताई। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “लड़कियों में थायराइड की वजह से कोई बहुत दुबला हो जाता है, तो कोई बहुत मोटा। दोनों ही स्थिति में उन्हें ताने सुनने पड़ते हैं।” उन्होंने T3, T4 और TSH जैसे थायराइड टेस्ट को सुलभ बनाने का वादा किया, ताकि लोग समय पर अपनी जांच करा सकें और स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें।
उनका कहना है कि ज्यादा मोटापा या दुबलापन अन्य बीमारियों का न्योता दे सकता है और समय पर जांच और इलाज से इनसे बचा जा सकता है। खान सर का यह सेंटर न केवल थायराइड, बल्कि अन्य सामान्य और गंभीर बीमारियों की जांच को भी किफायती बनाएगा।
बनारस का लंका गेट ही क्यों?
बनारस का लंका क्षेत्र, जो BHU के पास है, एक व्यस्त और महत्वपूर्ण स्थान है। यह इलाका छात्रों, शिक्षकों और स्थानीय निवासियों से भरा हुआ है। खान सर ने इस स्थान को इसलिए चुना क्योंकि यह बनारस का एक केंद्रीय हिस्सा है, जहां से आसपास के लोग आसानी से पहुंच सकते हैं। साथ ही, BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल जैसे बड़े मेडिकल संस्थान की मौजूदगी इस क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए और भी महत्वपूर्ण बनाती है। खान सर का कहना है, “पहले बनारस, फिर पूरा भारत।” उनका लक्ष्य इस सेंटर को एक मॉडल बनाना है, जिसे देश के अन्य हिस्सों में दोहराया जा सके।

शिक्षा से स्वास्थ्य तक: खान सर की नई पारी
खान सर ने शिक्षा के क्षेत्र में लाखों छात्रों का भविष्य संवारा है और अब वह स्वास्थ्य क्षेत्र में उसी जोश के साथ उतर रहे हैं। उन्होंने अपने वीडियो में कहा, “शिक्षा में बदलाव लाने में समय लगा, लेकिन आज बसंती के साथ गब्बर भी नाचने लगा। जिसे के लिए सभी शिक्षकों को धन्यवाद, अब डॉक्टरों की बारी है।” उनका इशारा साफ है कि जैसे उन्होंने शिक्षा को सुलभ बनाया, वैसे ही अब स्वास्थ्य सेवाओं को हर किसी की पहुंच में लाने का समय है। खान सर का मानना है कि सस्ती जांच सुविधाएं न केवल बीमारियों की जल्दी पहचान में मदद करेंगी, बल्कि लोगों को बड़े अस्पतालों की लंबी यात्रा और महंगे इलाज से भी बचाएंगी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।