प्रमुख बिंदु-
Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 14 अगस्त 2025 को एक भयावह प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी। चोसोटी (चशोती) गांव में बादल फटने की घटना ने मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर भारी तबाही मचाई। इस आपदा में कम से कम 12 से 22 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है, जबकि सैकड़ों लोग लापता या फंसे हुए हैं। मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए जुटे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों पर यह कुदरती कहर टूट पड़ा। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
बादल फटने से मचैल माता यात्रा पर संकट
किश्तवाड़ जिले के पड्डर उप-मंडल के चोसोटी गांव में 14 अगस्त 2025 को दोपहर करीब 12:30 बजे बादल फटने की घटना हुई। यह क्षेत्र मचैल माता मंदिर यात्रा का शुरुआती बिंदु है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु देवी दुर्गा के रूप माता चंडी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। घटना के समय सैकड़ों श्रद्धालु और स्थानीय लोग मौजूद थे। अचानक बादल फटने से इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए। तेज पानी के बहाव ने सड़कों, पुलों और लंगरों (सामुदायिक रसोई) को बहा दिया।
शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, एक लंगर पूरी तरह से बाढ़ में बह गया, जिससे कई लोगों के हताहत होने की आशंका बढ़ गई है। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि 200-300 लोग, जिनमें तीर्थयात्री और स्थानीय लोग शामिल हैं, इस बाढ़ में फंस गए हैं।
मचैल माता यात्रा का यह मार्ग जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर क्षेत्र में स्थित है। यह यात्रा भद्रवाह के चिनोट से शुरू होकर मचैल मंदिर तक जाती है। इस बार यात्रा के दौरान भारी भीड़ थी, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया। कई टेंट और छोटी दुकानें, जो यात्रियों के लिए बनाई गई थीं, बाढ़ में बह गईं। कुछ वीडियो में दिख रहा है कि बाढ़ का पानी इतना तेज था कि कारें और मकान भी इसकी चपेट में आ गए।

राहत और बचाव कार्य में तेजी
घटना की सूचना मिलते ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन हरकत में आ गया। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि एनडीआरएफ की दो टीमें, जिनमें 180 सदस्य शामिल हैं, उधमपुर बेस से घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और रेड क्रॉस की टीमें भी राहत कार्य में जुटी हैं। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उपायुक्त से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी शोक व्यक्त करते हुए अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “चोसोटी में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी।”
बचाव दलों को भारी बारिश और मलबे ने चुनौती दी है, लेकिन फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और राहत सामग्री पहुंचाने का काम जारी है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों के किनारे न जाने की अपील की है। चिकित्सा टीमें भी घायलों के इलाज के लिए तैनात की गई हैं।

भारी बारिश का अलर्ट और भविष्य की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर ने अगले 4-6 घंटों के लिए जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। किश्तवाड़ और आसपास के क्षेत्रों में पहले से ही भारी बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं। यह स्थिति राहत कार्यों को और मुश्किल बना रही है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
स्थानीय विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा, “हमें अभी तक सटीक आंकड़े नहीं मिले हैं, लेकिन नुकसान भारी है। यात्रा के कारण इलाका भीड़भाड़ वाला था।” प्रशासन ने मचैल माता यात्रा मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है ताकि राहत कार्य बिना रुकावट चल सकें। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं, और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर आपदा प्रबंधन की जरूरत है।

किश्तवाड़ में बादल फटने की इस घटना ने मचैल माता यात्रा को संकट में डाल दिया है। प्रशासन और बचाव दल पूरी ताकत से प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हैं, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ ने राहत कार्यों को जटिल बना दिया है। यह आपदा न केवल स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए दुखद है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमें और बेहतर तैयारी की जरूरत है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।