इन 6 योगासनों से यूरिक एसिड होगा कंट्रोल, जोड़ों का दर्द होगा छूमंतर!
प्रमुख बिंदु-
लाइफस्टाइल-सेहत (Unified Bharat): आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खान-पान के कारण यूरिक एसिड (Uric Acid) की समस्या आम हो गई है। यूरिक एसिड के बढ़ने से जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं! योग के कुछ विशेष आसन न केवल यूरिक एसिड को नियंत्रित करते हैं, बल्कि किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाकर शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करते हैं। आइए जानते हैं इन 6 प्रभावी योगासनों, उनके लाभों और करने के तरीके के बारे में।
Uric Acid क्या है और क्यों है खतरनाक?
Uric Acid एक अपशिष्ट पदार्थ है, जो प्यूरीन युक्त भोजन के पचने पर लिवर, आंतों और रक्त वाहिकाओं में बनता है। सामान्य रूप से किडनी इसे फिल्टर करके पेशाब के जरिए बाहर निकाल देती है। लेकिन जब किडनी सही से काम नहीं करती या प्यूरीन की मात्रा ज्यादा होती है, तो यूरिक एसिड जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है। इससे गाउट, जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी की पथरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एनसीबीआई की एक स्टडी के अनुसार, नियमित व्यायाम और योग यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर हैं।

यूरिक एसिड कम करने वाले 6 जादुई योगासन
1. वज्रासन: पाचन का सबसे अच्छा दोस्त
वज्रासन एकमात्र आसन है, जिसे भोजन के तुरंत बाद भी किया जा सकता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है, जिससे यूरिक एसिड का निर्माण कम होता है।
कैसे करें: घुटनों को मोड़कर एड़ियों पर बैठें। रीढ़ को सीधा रखें और हाथों को घुटनों पर टिकाएं। गहरी सांस लेते हुए 5-10 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
लाभ: यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और यूरिक एसिड को नियंत्रित करता है।

2. बालासन: जोड़ों की जकड़न का काल
बालासन तनाव कम करता है और जोड़ों की जकड़न को दूर करने में मदद करता है।
कैसे करें: घुटनों के बल बैठें, फिर धीरे-धीरे आगे झुकें और माथे को जमीन पर टिकाएं। बाजुओं को आगे फैलाएं और 30 सेकंड से 1 मिनट तक गहरी सांस लें।
लाभ: यह शरीर को रिलैक्स करता है और यूरिक एसिड के कारण होने वाली सूजन को कम करता है।

3. भुजंगासन: किडनी का टॉनिक
भुजंगासन किडनी को सक्रिय करता है, जिससे यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
कैसे करें: पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाएं। 15-30 सेकंड तक इस मुद्रा में रहें।
लाभ: यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है और किडनी के डिटॉक्सिफिकेशन को बढ़ावा देता है।

4. अर्ध मत्स्येन्द्रासन: डिटॉक्स का बादशाह
यह आसन लीवर और किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
कैसे करें: दाएं पैर को मोड़कर बाईं जांघ के पास रखें। बाएं हाथ को दाएं घुटने पर रखें और शरीर को दाईं ओर मोड़ें। 20-30 सेकंड तक रुकें, फिर दूसरी ओर दोहराएं।
लाभ: यह पाचन और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है, जिससे विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।

5. सेतुबंधासन: जोड़ों की सूजन का दुश्मन
सेतुबंधासन ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करता है।
कैसे करें: पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें। कमर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और 20-30 सेकंड तक रुकें।
लाभ: यह रक्त प्रवाह को बेहतर करता है और जोड़ों को लचीला बनाता है।

6. पवनमुक्तासन: गैस और टॉक्सिन्स का सफाया
पवनमुक्तासन पाचन को सुधारता है और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
कैसे करें: पीठ के बल लेटें, दोनों घुटनों को छाती की ओर लाएं और हाथों से पकड़ें। सिर को घुटनों की ओर उठाएं और 30 सेकंड तक रुकें।
लाभ: यह आंतों की सेहत को बेहतर बनाता है और Uric Acid को नियंत्रित करता है।

योग के साथ ये उपाय भी हैं जरूरी
योग के साथ-साथ कुछ जीवनशैली बदलाव Uric Acid को और प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं। ढेर सारा पानी पिएं, प्यूरीन युक्त भोजन (जैसे लाल मांस, समुद्री भोजन) से बचें, और तनाव कम करने के लिए ध्यान का अभ्यास करें। सेब का सिरका और अजवाइन के बीज भी Uric Acid को कम करने में मददगार हैं।
विशेषज्ञ की सलाह
योग विशेषज्ञों का कहना है कि इन आसनों को किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में शुरू करें, खासकर अगर आपको गठिया या गंभीर जोड़ों का दर्द है। नियमित अभ्यास से न केवल Uric Acid नियंत्रित होगा, बल्कि आपकी समग्र सेहत भी बेहतर होगी।
Uric Acid की समस्या को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करने के लिए वज्रासन, बालासन, भुजंगासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन, सेतुबंधासन और पवनमुक्तासन जैसे योगासन वरदान हैं। इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करें और जोड़ों के दर्द से राहत पाएं। स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाकर आप यूरिक एसिड को हमेशा के लिए अलविदा कह सकते हैं!
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। यूनिफाइड भारत आपको सलाह देता है कोई भी उपाय अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।


राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।